ममता बनर्जी पर जानलेवा हमला करने वाले शख्स को अदालत ने किया रिहा
नई दिल्ली। 29 साल पहले दक्षिण कोलकाता के हाजरा क्रॉसिंग पर उस वक्त की युवा कांग्रेस नेता ममता बनर्जी पर जानलेवा हमला हुआ था। यह हमला माकपा सदस्य लालू आलम ने किया था। अब इस मामले में अदालत ने फैसला सुनाया है। अदालत ने लालू आलम को बेकसूर बताकर रिहा कर दिया है। ममता ने अपने वकील राधाकांत मुखोपाध्याय के माध्यम से अदालत से दरख्वास्त की थी कि इस मामले के आरोपियों में अधिकांश लोग या तो मर गए या फिर यहां नहीं हैं। यही नहीं मामले में जिन व्यक्तियों को बतौर गवाह पेश किया गया था उनमें से भी अधिकांश लोग जीवित नहीं हैं। फलस्वरूप इस मामले को अब और आगे चलाना बेमानी होगा।
ममता के इस आवेदन के बाद ही अदालत ने मामले के एकमात्र आरोपी लालू आलम को बेकसूर करार देते हुए बरी कर दिया। आपको बता दें कि 16 अगस्त 1990 को प्रदेश कांग्रेस के आह्वान पर बंगाल बंद के दिन ममता बनर्जी पर उस वक्त हमले किए गए जब वह बंगाल बंद के विरोध में सड़कों पर उतरी थी। उक्त हमले के बाद ममता को लंबे समय तक अस्पतालों में इलाज कराना पड़ा था। 1984 में यादवपुर संसदीय क्षेत्र से माकपा के दिग्गज नेता सोमनाथ चटर्जी को पराजित करने के बाद सुर्खियों में आई ममता का राजनीतिक क्षेत्र में काफी चर्चा थी। हालांकि ममता ने 1990 की घटना के बाद एक बार अदालत में हाजिर होकर अपना पक्ष रखा था। फरवरी 2019 से मामले का ट्रायल शुरू हुआ था।
गत 21 अगस्त को वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए अदालत में ममता को अपना पक्ष रखना था, लेकिन अदालत के भीतर बुनियादी ढांचा दुरुस्त नहीं होने के कारण ममता वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए अपना पक्ष नहीं रख सकीं। इसके बाद ही ममता ने अदालत से अनुरोध किया कि इस मामले को अब लंबा चलाना आधारहीन है। ममता की इस अपील को ध्यान में रखते हुए अदालत ने भारतीय दंड विधान की धारा 332 के तहत आरोपी लालू आलम को बेकसूर रिहा कर दिया।