Agriculture Bill 2020: तृणमूल कांग्रेस बिचौलियों को देती है संरक्षण: कैलाश विजयवर्गीय
नई दिल्ली। कृषि विधेयक के खिलाफ हरियाणा और पंजाब के किसान सड़कों पर उतर आए हैं, किसानों की मांग है कि सरकार के ये विधेयक किसान विरोधी हैं और इन्हें तत्काल वापस लिया जाए और इसी वजह से भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) समेत विभिन्न किसान संगठनों ने आज पूरे देशभर में चक्का जाम किया है तो वहीं इस मु्द्दे पर राजनीति भी गर्मा गई है, किसान बिल का विरोध करने पर पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी को भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने खुली चुनौती दी है।
कैलाश विजयवर्गीय ने कहा है कि कृषि विधेयक का विरोध करने वाली सीएम ममता बनर्जी पहले ये साबित करें कि ये विधेयक किसानों को नुकसान पहुंचाने वाले हैं, उन्होंने आरोप लगाया कि संसद में विधेयकों के पारित होने के बाद तृणमूल कांग्रेस बेचैन हो गई, क्योंकि पार्टी बिचौलियों को संरक्षण देती है जो किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) से वंचित करते हैं और उनका मुनाफा छीन लेते हैं। आपको बता दें कि सीएम ममता ने कृषि विधेयका का विरोध किया है और कहा है कि ये विधेयक किसानों को एमएसपी से वंचित करेंगे और देश को भुखमरी की कगार पर ले जाएंगे।
कई मजदूर संगठनों और विपक्षी दलों ने भी बंद को समर्थन दिया
आपको बता दें कि हाल ही में संसद में पास किए खेती से जुड़े बिलों के खिलाफ किसानों ने आज भारत बंद का आह्वान किया है। किसान सुबह 10 बजे से शाम 4 बजे तक चक्का जाम करेंगे। किसान संगठनों ने दुकानदारों से अपील की है कि भारत बंद पर वे अपनी दुकानें बंद रखें और किसानों का समर्थन करें। पंजाब और हरियाणा में इन बिलों का सबसे ज्यादा विरोध है। तो वहीं पंजाब और हरियाणा के किसानों ने कहा है कि वे कृषि विधेयकों को बिल्कुल स्वीकर नहीं करेंगे लेकिन वो शांतिपूर्ण आंदोलन करेंगे, किसान को-आर्डिनेशन कमेटी के सदस्य सतनाम सिंह बहिरू ने पटियाला में कहा कि केंद्र सरकार ने किसानों को फुसलाने के लिए एमएसपी में जो बढ़ोतरी की है, वह बेहद मामूली है। यह ऐलान किसानों के जख्मों पर नमक छिड़कने जैसा है, हम इसे स्वीकार नहीं सकते हैं।
गौरतलब है कि किसानों से जुड़े सगंठनों के अलावा कई मजदूर संगठनों और विपक्षी दलों ने भी बंद को समर्थन दिया है। मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस ने किसानों को पूर्ण समर्थन की बात कही है। यही नहीं पंजाब में गुरुवार से किसानों ने तीन दिन तक रेल यातायात ठप करने का अभियान शुरू कर दिया है। किसान कई जगह रेल लाइनों पर बैठ गए हैं। पंजाब के किसानों ने यह भी कहा है कि सरकार अगर उनकी बात नहीं मानती है तो 1 अक्टूबर से अनिश्चितकाल के लिए रेल यातायात ठप किया जाएगा।
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