पश्चिम बंगाल के राज्यपाल ने बिना बदलाव के पढ़ा ममता सरकार का बजट भाषण
कोलकाता। पश्चिम बंगाल विधानसभा में शुक्रवार से बजट सत्र की शुरुआत हुई। बजट सत्र शुरू होने से पहले राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने अपना भाषण पढ़ा। इस दौरान सबसे अहम बात यह रही कि, राज्यपाल ने ममता सरकार द्वारा तैयार भाषण को बिना असहमति जताए ही पढ़ा। बता दें कि, कुछ दिनों पहले केरल के राज्यपाल ने भी बिना बदलाव राज्य सरकार के भाषण को पढ़ा था, हालांकि उन्होंने इसे अपना मत मानने से इंकार करते हुए असमहति जताई थी।
राज्यपाल ने अपने भाषण में कहा कि असहमति के सभी रूपों को अस्वीकार करना, राष्ट्रवाद के नाम पर नया फैशन बन गया है। धनखड़ ने कहा था कि वह अपने अभिभाषण से इतिहास बनाएंगे। उन्होंने यह भी कहा कि राज्य के संवैधानिक प्रमुख के तौर पर उन्होंने अपने सुझाव दिए थे और उन्हें उम्मीद थी कि उनके अभिभाषण में उन सुझावों को शामिल किया जाएगा।
धनखड़ ने भाषण पढ़ते हुए कहा, वर्तमान में हमारा देश अहम मोड़ पर है। हमारे संविधान के मूल्य एवं मूलभूत सिद्धांतों को चुनौती दी जा रही है...गलत सूचनाओं का प्रसार सामान्य बात हो गई है और सभी प्रकार की अहसमतियों को खारिज करना राष्ट्रवाद के नाम पर नया फैशन हो गया है। धनखड़ ने देशभर में प्रस्तावित एनआरसी की वजह से दहशत के कारण राज्य में हुई लोगों की मौत पर शोक व्यक्त किया।
उन्होंने कहा, असहिष्णुता, कट्टरता और नफरत का माहौल है जो देश में सभी भाषाई, धार्मिक एवं नस्ली विविधताओं को बांधे रखने वाले बहुरंगी धागे को कमजोर कर रहा है। कोई बड़ा कदम उठाने से पहले सभी वर्ग के लोगों को भरोसे में लिया जाना चाहिए। राज्य सरकार राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर), एनआरसी या सीएए जैसे कदमों के नाम पर लोगों के बंटवारे के खिलाफ है। अपने भाषण के बाद, धनखड़ ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और अध्यक्ष बिमन बंदोपाध्याय से विधानसभा परिसर में मुलाकात की।
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