WHO की टीम के लिए ममता ने बिछाई रेड कार्पेट, राज्यपाल ने बोला हमला
कोलकाता। पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी और राज्यपाल जगदीप धनखड़ के बीच की तनातनी कम होने का नाम नहीं ले रही है। बंगाल में विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) टीम के लिए 'रेड कार्पेट' बिछाने को लेकर प्रदेश के राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने गुरुवार (23 अप्रैल) को ट्विटर के जरिए ममता बनर्जी की सरकार पर हमला बोला। धनखड़ ने ट्वीट कर पूछा कि, सरकार घोषणा करे कि डब्ल्यूएचओ की यात्रा के क्या परिणाम और लाभ है? अब समय आ गया है कि संविधान को संभाला जाए।
जगदीप धनखड़ ने ट्वीट कर साधा निशाना
राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने गुरुवार को ट्वीट में कहा, केंद्रीय टीम के लिए ममता सरकार सकारात्मक रुख अपनाए। कोरोना को लेकर प्रदेश दौरे पर आई केंद्रीय टीम की रुकावटों को लेकर चिंतित हूं। पूर्वी मिदनापुर और बिष्णुपुर में डब्ल्यूएचओ की टीम के दौरे पर 'रेड कार्पेट' बिछाया गया। सरकार बताएं कि डब्ल्यूएचओ के इस दौरे से क्या फायदा हुआ? समय आ गया है कि संविधान से संबंधित लोगों को झाड़ू और माइक संभालने दें।
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ममता बनर्जी ने केंद्र सरकार की मंशा पर सवाल खड़े किए
उनका यह ट्वीट दो अंतर-मंत्रालयी केंद्रीय टीमों के बंगाल दौरे के बीच आया है। जिसे लेकर ममता बनर्जी ने केंद्र सरकार की मंशा पर सवाल खड़े किए हैं। ममता ने कहा था कि, यह एकतरफा और अवांछनीय फैसला है। हालांकि राज्य सरकार इस केंद्रीय टीम का सहयोग कर रही है। वहीं डब्ल्यूएचओ के प्रतिनिधियों की एक टीम ने सोमवार को पूर्वी मिदनापुर, 'रेड ज़ोन' में कोविड -19 हॉटस्पॉट और 'ऑरेंज ज़ोन' के बांकुरा जिलों का दौरा किया था। राज्य प्रशासन ने डब्ल्यूएचओ टीम के साथ पूर्ण सहयोग किया था।
केंद्रीय टीमों ने किया कई जिलों का दौरा
वहीं केंद्र की एक टीम ने कोलकाता के पास राजरहाट क्षेत्र स्थित एक पृथक केंद्र का दौरा किया, ताकि कोविड-19 की स्थिति का जायजा लिया जा सके। कोविड-19 से लड़ने में राज्य की तैयारियों को देखने के लिए केंद्र की दो टीम पश्चिम बंगाल के दौरे पर हैं। कोलकाता में मौजूद अंतर मंत्रालयी टीम ने बुधवार को राज्य सरकार से इस बारे में विस्तृत ब्योरा मांगा कि राज्य में परीक्षण जांच का स्तर पर्याप्त है और क्या ऑक्सीजन, आईसीयू बिस्तर तथा वेंटीलेटर पर्याप्त संख्या में उपलब्ध हैं।
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