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West Bengal Election: डेबरा सीट पर दो पूर्व पुलिस अफसरों की जंग, जानिए किस वजह से रहे चर्चा में ?

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कोलकाता। पश्चिम बंगाल के पश्चिमी मेदिनीपुर जिले की डेबरा विधानसभा सीट पर मुकाबला दिलचस्प हो गया है। इस सीट पर पश्चिम बंगाल में पुलिस विभाग में काम कर चुके पुलिस अफसर आमने-सामने मैदान में होंगे। इसमें एक सत्ताधारी तृणमूल कांग्रेस के टिकट पर मैदान में हैं तो वहीं दूसरे प्रतिद्वंदी भारतीय जनता पार्टी के टिकट पर ताल ठोंक रहे हैं।

टीएमसी के टिकट पर हुमायूं कबीर

टीएमसी के टिकट पर हुमायूं कबीर

भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) के अधिकारी हुमायूं कबीर ने पिछले महीने ही चंदननगर के पुलिस कमिश्नर की पोस्ट से इस्तीफा देकर ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस का दामन थाम लिया था। टीएमसी ने उन्हें डेबरा विधानसभा सीट से पार्टी का उम्मीदवार बनाया है। टीएमसी ने आज ही राज्य की 294 विधानसभा सीटों के लिए प्रत्याशियों के नामों की घोषणा की है।

हुमायूं कबीर तब चर्चा में आए थे जब उन्होंने कुछ समय पहले ही तीन बीजेपी कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया था। इन कार्यकर्ताओं पर आरोप था कि बीजेपी के नंदीग्राम से उम्मीदवार शुभेंदु अधिकारी के नेतृत्व में चंदननगर में आयोजित एक रैली में गोली मारो का नारा लगाया था। टीएमसी के कद्दावर नेता रहे अधिकारी चुनाव से कुछ समय पहले ही पार्टी छोड़कर बीजेपी में शामिल हो गए थे।

पूर्व आईपीएस भारती घोष भाजपा से मैदान में

पूर्व आईपीएस भारती घोष भाजपा से मैदान में

वहीं कबीर के मुकाबले में भाजपा ने भारती घोष को मैदान में उतारा गया है। भारती घोष भी पूर्व आईपीएस रही हैं। भारती घोष झाड़ग्राम जिले की पुलिस कप्तान थीं और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का करीबी माना जाता था। घोष ने एक सार्वजनिक कार्यक्रम के दौरान ममता बनर्जी को मां कहकर संबोधित किया था। लेकिन बाद में तबादले को लेकर नाराजगी के बाद उन्होंने पद से इस्तीफा दे दिया था। भारती घोष ने स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति ले ली और 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले भाजपा में शामिल हो गई थीं। भाजपा ने आज पश्चिम बंगाल की 57 सीटों के लिए प्रत्याशियों की पहली सूची जारी की।

सीआईडी के निशाने पर रहीं थीं भारती घोष

सीआईडी के निशाने पर रहीं थीं भारती घोष

भारती घोष की गिनती बंगाल के तेजतर्रार अधिकारियों में होती रही थी। नौकरी छोड़ने के बाद उन्हें खूब परेशान होना पड़ा था। राज्य की सीआईडी ने उन्हें और उनके पति को निशाने पर ले लिया था। उन पर बेनामी सम्पत्ति खरीदने का आरोप लगाकर सीआईडी ने देशभर में छापेमारी की थी। भारती घोष पर 300 करोड़ रुपये की बेनामी सम्पत्ति खरीदने का आरोप लगाया गया था।

2019 में उन्होंने बीजेपी का दामन लिया। लोकसभा चुनाव में भाजपा ने उन्हें घाटल लोकसभा सीट से उम्मीदवार बनाया था हालांकि वह चुनाव हार गई थी।

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English summary
west bengal election 2 former cops for debra assembly seat
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