CAA पर 'जनमत संग्रह' वाले बयान से ममता बनर्जी का यू-टर्न, बोलीं- मैंने ओपिनियन पोल की बात की थी
कोलकाता। संशोधित नागरिकता कानून और एनआरसी के मुद्दे पर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी लगातार केंद्र सरकार पर निशाना साध रही हैं। संशोधित नागरिकता कानून और एनआरसी पर संयुक्त राष्ट्र की निगरानी में जनमत संग्रह कराने की विवादित मांग करने वाली ममता बनर्जी ने कहा है कि राज्य के सब-डिविजन हेडक्वार्टर में 'No NRC & No CAB' पर 23 दिसंबर को बैठक होगी और इसके बारे में पार्टी के सभी नेताओं को सूचित कर दिया गया है।
ममता बनर्जी ने संशोधित नागरिकता कानून को लेकर बीजेपी पर जमकर हमला बोला। ममता बनर्जी ने कहा कि बीजेपी फेक वीडियो और भ्रामक जानकारी फैलाकर उनकी छवि को खराब करने की कोशिश कर रही है। ममता बनर्जी ने कोलकाता रैली में कहा था कि यदि भाजपा में हिम्मत है तो उसे संशोधित नागरिकता कानून और एनआरसी पर संयुक्त राष्ट्र की निगरानी में जनमत संग्रह कराना चाहिए। इस बयान पर सफाई देते हुए ममता ने कहा कि उन्होंने केवल ओपिनियन पोल की बात की थी और मैंने कहा था कि मानवाधिकार आयोग और यूएन पारदर्शी संस्थाएं हैं।
उन्होंने कहा कि मानवाधिकार आयोग को निश्चित तौर पर संज्ञान लेना चाहिए, जो कुछ भी हो रहा है। मैंने कहा कि यूएन को इसकी निगरानी करनी चाहिए। यही बात मैंने मानवाधिकार आयोग के बारे में कही थी। इसके पहले, कोलकाता की रैली में ममता बनर्जी ने कहा था कि बीजेपी की स्थापना 1980 में हुई थी और वह हमारे 1970 के नागरिकता दस्तावेज मांग रही है।
CAA Protest: देश के ताजा हालात पर राहत इंदौरी का Tweet-' यार छोड़ो, ये सियासत है, चलो इश्क करें'
ममता बनर्जी ने पीएम मोदी और बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा था कि देश को फेसबुक और सांप्रदायिक दंगों का इस्तेमाल कर विभाजित करने की कोशिश मत करो। उन्होंने कहा कि, 'आजादी के 73 साल बाद अचानक हमें साबित करना पड़ रहा है कि हम भारतीय नागरिक हैं। उस समय तो बीजेपी की न सिर थी न पूंछ थी, बीजेपी देश को बांट रही है। ममता बनर्जी ने कहा कि आप अपना विरोध मत रोकिए क्योंकि हमें नागरिकता कानून को रद कराना है।