बदल जाएगा पश्चिम बंगाल का नाम, ममता ने विधानसभा में पास किया प्रस्ताव
कोलकाता। पश्चिम बंगाल का नाम बदल कर 'बांग्ला' रखे जाने का प्रस्ताव गुरुवार को राज्य विधानसभा में पास गया है। विधानसभा से पास होने के बाद इस प्रस्ताव को मंजूरी के लिए केंद्र के पास भेजा जाएगा। गृह मंत्रालय से नए नाम को मंजूरी मिलने के बाद पश्चिम बंगाल को 'बांग्ला' नाम से जाना जाएगा। इससे पहले केंद्र ने नाम बदलने का प्रस्ताव राज्य को लौटा दिया था।
ममता की मौजूदगी में पास हुआ विधेयक
तृणमूल कांग्रेस की सरकार की ओर से पहले ही बताया गया था कि 20 जुलाई यानी शुक्रवार से शुरू हो रहे पश्चिम बंगाल विधानसभा के मानसून सत्र में राज्य का नाम पश्चिम बंगाल से बदलकर बांग्ला करने का प्रस्ताव पेश किया जाएगा। गुरुवार को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की मौजूदगी में प्रस्ताव पेश किया गया। जिसे विधानसभा ने पास कर दिया।
केंद्र लौटा चुका है नाम बदलने का प्रस्ताव
पश्चिम बंगाल विधानसभा ने 29 अगस्त, 2016 को प्रस्ताव पारित कर पश्चिम बंगाल का नाम बदल कर अंग्रेजी में 'बंगाल', बंगाली में 'बांग्ला' और हिंदी में बंगाल करने का प्रस्ताव केंद्र को भेजा था। केंद्र ने एक राज्य के अलग-अलग भाषाओं में नाम होने को लेकर आपत्ति जताते हुए प्रस्ताव को लौटा दिया था। ममता बनर्जी की सरकार से पहले पूर्व मुख्यमंत्री बुद्धदेव भट्टाचार्य की वाममोर्चा सरकार में भी राज्य का नाम बदलने का प्रस्ताव केंद्र ने वापस कर दिया था।
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एक ही नाम का प्रस्ताव पास
केंद्र ने पिछली बार नाम बदलने के प्रस्ताव पर कहा था कि तीन अलग-अलग भाषाओं में अलग-अलग नाम नहीं हो सकते हैं। राज्य सरकार को किसी एक नाम का चयन करना होगा। तीनों में भाषाओं में राज्य का एक ही नाम बांग्ला करने के लिए प्रस्ताव में आवश्यक संशोधन के बाद पश्चिम बंगाल का नाम 'बांग्ला' करने का प्रस्ताव गुरुवार को विधानसभा में पेश किया गया, जिसे पास कर दिया गया।
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