पश्चिम बंगाल पहुंचे मुख्य चुनाव आयुक्त, बोले- टीएमसी के बीएसएफ पर आरोप दुर्भाग्यपूर्ण
पश्चिम बंगाल पहुंचे मुख्य चुनाव आयुक्त, टीएमसी का बीएसएफ पर आरोप लगाना दुर्भाग्यपूर्ण
नई दिल्ली। पश्चिम बंगाल (West bengal elections) में होने वाले विधानसभा चुनाव की तैयारियों का जायजा लेने मुख्य चुनाव आयुक्त (CEC) सुनील अरोड़ा (Sunil arora) कोलकाता पहुंचे हैं। अरोड़ा ने यहां कहा कि बीएसएफ जवानों के भाजपा के पक्ष में वोटिंग के लिए लोगों को धमकाने के टीएमसी आरोप दुर्भाग्यपूर्ण हैं। सुरक्षाबलों को लेकर इस तरह की बातें नहीं होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि कुछ दलों ने कानून व्यवस्था का मुद्दा उठाया है, ऐसे में हमारा पूरा ध्यान राज्य में शांतिपूर्ण तरीके से चुनाव कराने पर है।
तृणमूल कांग्रेस नेता और पश्चिम बंगाल सरकार में मंत्री फरहाद हाकिम ने गुरुवार को राज्य चुनाव आयोग के अधिकारियों से मिलकर कहा था कि राज्य के सीमावर्ती क्षेत्रों के गांवों में भाजपा बीएसएफ को भेज रही है। बीएसएफ के जवान गांवों में जाकर लोगों को भाजपा को वोट देने के लिए धमका रहे हैं। इस पर आज सीईसी अरोड़ा ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि एक पार्टी ने बीएसएफ के बारे में ऐसी टिप्पणी की। मैंने इस बारे में ज्यादा ठोस जानकारी देने के लिए कहा है। बीएसएफ देश के बेहतरीन सुरक्षाबलों में से एक हैं। सुरक्षाबल के लिए इस तरह कहना ठीक नहीं है।
चुनाव की तारीखों को लेकर चुनाव आयुक्त ने कहा कि 30 मई को विधानसभा का कार्यकाल खत्म होगा। पश्चिम बंगाल के अलावा असम, तमिलनाडु और केरल में भी चुनाव होने हैं। सभी राज्यों में जल्दी ही हम तारीखों का एलान करेंगे। पश्चिम बंगाल समेत पांच राज्यों में विधानसभा चुनावों के संबंध में 23 तारीख को चुनाव आयोग की आतंरिक बैठक होगी। जिसके बाद एक साथ चुनाव की तारीखों का ऐलान किया जाएगा।
सुनील अरोड़ा ने कहा कि चुनाव को लेकर राजनीतिक दलों के साथ हमारी बातचीत हुई है। बहुत से दलों ने कानून और व्यवस्था की स्थिति को लेकर चिंता जताई है और केंद्रीय बलों को तैनात करने की मांग की है। राजनीतिक दलों के साथ चर्चा के बाद ज्यादातर ने कहा कि चुनावों में बड़ी संख्या में CAPF की तैनाती की जाए और पोलिंग स्टेशन पर वीडियोग्राफी हो ताकि सुरक्षित वोटिंग हो सके। कुछ राजनीतिक दलों ने मतदाता सूची में विसंगतियों का भी जिक्र किया है।
उन्होंने बताया कि पश्चिम बंगाल में 78,903 मतदान केंद्र थे। अतिरिक्त मतदान केंद्र 22,887 होंगे। अब कुल 1,01,790 मतदान केंद्र होंगे। इस बार सभी मतदान केंद्र ग्राउंड फ्लोर पर होंगे। यह दिव्यांगजनों को ध्यान में रखकर और मतदान प्रतिशत बढ़ाने के लिए किया गया है।