West Bengal Election: ममता दीदी ने भाजपा सांसद से बीवी छीन ली!
West bengal assembly elections 2021: 'दीदी’ ने बीवी छीन ली? बंगाल में इस सवाल ने भाजपा-तृणमूल की राजनीतिक लड़ाई को एक नये मोड़ पर खड़ा कर दिया है। भाजपा सांसद सौमित्र खान की पत्नी सुजाता मंडल के तृणमूल में शामिल होने के बाद राजनीतिक सरगर्मी बढ़ गयी थी। विधानसभा चुनाव के पहले इसे ममता बनर्जी का मास्टर स्ट्रोक माना जाने लगा। नाराज सौमित्र खान ने सोमवार को सुजाता को तलाक की नोटिस भेजने की धमकी दी थी। मंगलवार को उन्होंने अपने वकील के जरिये ये नोटिस भेज भी दी। क्या सियासी लड़ाई के चलते सांसद का दाम्पत्य जीवन नष्ट हो जाएगा ? क्या ममता दीदी (Mamata Banerjee) के इस फैसले से एक परिवार का विघटन हो जाएगा ?
क्या सांसद की पिटाई करती हैं उनकी पत्नी ?
सौमित्र खान ने तलाक की नोटिस में सुजाता पर कई आरोप लगाये हैं। उन्होंने पत्नी पर खुद के साथ और माता-पिता के साथ मारपीट करने का आरोप लगाया है। राजनीति झगड़े के कारण अब घर की बातें दहलीज से बाहर आने लगीं। सांसद सौमित्र और उनकी पत्नी सुजाता पिछले छह महीने से अलग रह रहे हैं। सौमित्र यही समझ रहे हैं कि उनकी पत्नी हाइपर टेंशन से गुजर रही हैं। उनका आरोप है कि सुजाता शादी के बाद से ही उन पर माता-पिता से अलग रहने के लिए दवाब बना रही थीं। सुजात पर उनके माता-पिता से झगड़ा करने का भी आरोप लगाया गया है। सांसद का कहना है, हद ये है कि सुजाता उनके चरित्र पर भी शक करती हैं और उन पर अपशब्दों का इस्तेमाल करती हैं।
भाजपा में पद दिलाने की मांग की
सांसद ने अपनी पत्नी की राजनीतिक महत्वाकांक्षा का भी जिक्र किया है। सांसद के मुताबिक, सुजाता ने 2019 में के लकसभा में चुनाव में उनकी जीत के बाद इस बाद के लिए दबाव डाला कि उन्हें भाजपा में कोई पद दिला दें। जब उन्होंने इससे इंकार कर दिया तो सुजाता अपशब्दों का इस्तेमाल करते हुए झगड़ा करने लगीं। मारपीट भी की, और एक दिन घर छोड़ कर चली गयीं। वे (सांसद) सोच रहे थे कि एक दिन पत्नी के व्यवहार में बदलाव आयेगा और बात संभल जाएगी। लेकिन अब वे सुजाता की परस्पर सहमति से तलाक लेना चाहते हैं।
सुजाता प्रकरण को तृणमूल ने बनाया सामाजिक मुद्दा
सुजाता को तलाक की नोटिस मिलने के बाद तृणमूल कांग्रेस ने इस मामले को सामाजिक मुद्दा बना दिया है। ममता बनर्जी सरकार की मंत्री चंद्रिमा भट्टाचार्य ने कहा है, सुजाता के साथ अन्याय हो रहा है। अगर कोई महिला स्वेच्छा से किसी राजनीतिक दल में शामिल होती है तो क्या उसका पति उसे तलाक दे देगा ? क्या यह तलाक का आधार होना चाहिए ? ममता सरकार सुजाता की सुरक्षा को लेकर सतर्क हो गयी है। सुजाता मंडल की सुरक्षा के लिए पुलिस के तीन जवानों हमेशा साथ रहने का आदेश दिया गया है। इनमें एक जवान एके-47 से लैस रहेगा। उके घर पर भी पुलिस की तैनाती की गयी है। जाहिर है ऐसा कर के तृणमूल कांग्रेस राजनीतिक लाभ लेना चाहती है। ममता बनर्जी जानती है कि सौमित्र खान सांसद हैं और वे कानून को तोड़ कर सुजाता को कोई नुकसान नहीं पहुंचा सकते हैं। फिर भी वह एके-47 से लैस पुलिस वाले की तैनाती कर सुजाता मंडल के मुद्दे को चर्चा में बनाये रखना चाहती हैं ताकि भाजपा पर वार करने का मौका मिलता रहे।
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क्या पति-पत्नी दो दल में नहीं रह सकते ?
सांसद सौमित्र खान द्वारा तलाक की नोटिस भेजे जाने पर सुजाता मंडल ने एतराज जताया है। उन्होंने कहा है, देश में कई ऐसे राजनीतिज्ञ हैं जिनके परिवार के सदस्य अलग-अलग दल में हैं। जिस शुभेन्दु अधिकारी को भाजपा सिर आंखों पर बैठाये हुए हैं उनके पिता और भाई अभी भी तृणमूल कांग्रेस में हैं। उनके पिता शिशिर अधिकारी और भाई दिव्येन्दु तृणमूल के सांसद हैं। कहीं-कहीं तो पति अलग दल में और पत्नी अलग दल में हैं।( बिहार में वीणा देवी लोजपा की सांसद हैं तो उनके पति दिनेश सिंह जदयू के विधान पार्षद हैं) पति-पत्नी अगल-अलग दल में रहें तो क्या यह तलाक का मामला बन जाएगा ? सुजाता मंडल का कहना है, सौमित्र चाहे मेरे साथ जो सुलूक करें मैं उन्हें आज भी अपना पति मानती हूं। मेरी मांग में उन्ही के नाम का सिंदूर चमक रहा है। मैं उनसे अलग नहीं होना चाहती।
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आत्मसम्मान से समझौता कैसे करती ?
सुजाता के मुताबिक, मैंने ने सौमित्र के लिए लोकसभा चुनाव में जी जान से मेहनत की थी। वे जीते भी। (अदालत के एक आदेश के कारण सौमित्र को चुनाव क्षेत्र में जाने और प्रचार करने पर रोक लग गयी थी। तब सुजाता मंडल ने ही उनका चुनाव प्रबंधन संभाला था।) मैंने कोई पद नहीं मांगा था। लेकिन क्या मैं सम्मान की भी हकदार नहीं ? सौमित्र ने मुझसे कहा था कि भाजपा में वंशवाद नहीं चलता, इसलिए वे राजनीति के बारे में नहीं सोचे। लेकिन क्या सच में भाजपा वंशवाद से मुक्त है ? अगर ऐसा है तो रक्षामंत्री राजनाथ सिंह के पुत्र पंकज सिंह कैसे विधायक बन गये? भाजपा में ऐसे सौ नाम गिना सकती हूं जिसमें एक ही परिवार के लोग सांसद, मंत्री या विधायक हैं। जब मेरे आत्मसम्मान को चोट लगी तो मैं ममता दीदी के पास आ गयी। क्या ये तलाक देने वाली बात है? बहरहाल, सौमित्र और सुजाता का राजनीतिक विवाद अब पारिवारिक विवाद में बदल गया है। पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में इसकी गूंज दूर तक जाएगी।