बंगाल: ममता बनर्जी की फिर बढ़ी टेंशन, कैबिनेट बैठक में नहीं पहुंचे 4 मंत्री
West Bengal Election 2021: बंगाल में अगले साल विधानसभा के चुनाव हैं, जिस वजह से अपनी-अपनी पार्टी से नाराज चल रहे नेताओं के इस्तीफे का दौर जारी है। हाल ही में ममता सरकार के पूर्व मंत्री और बंगाल के दिग्गज नेता शुभेंदु अधिकारी (Suvendu Adhikari) ने अमित शाह की मौजूदगी में बीजेपी का दामन थाम लिया था। इस बीच मंगलवार को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (CM Mamata Banerjee) ने अपनी कैबिनेट की बैठक बुलाई, जिसमें चार मंत्री अनुपस्थित रहे। जिस वजह से अब टीएमसी हाईकमान फिर से टेंशन में आ गया है।
दरअसल लंबे वक्त से टीएमसी के कई नेता पार्टी हाईकमान से नाराज चल रहे हैं। जिसमें से शुभेंदु समेत कुछ नेताओं ने पार्टी से इस्तीफा भी दिया। मंगलवार को ममता बनर्जी ने सचिवालय में कैबिनेट की बैठक बुलाई, जिसमें चार मंत्री नहीं पहुंचे। इसमें दो मंत्री, पर्यटन मंत्री गौतम देब और उत्तर बंगाल विकास मंत्री रवींद्रनाथ घोष थे। इन दोनों की अनुपस्थिति को लेकर सीएम ममता और टीएमसी आश्वस्त हैं, क्योंकि कोरोना महामारी के बाद से किसी भी बैठक में दोनों हिस्सा नहीं ले रहे हैं।
वहीं बीरभूमि से मत्स्य पालन मंत्री चंद्रनाथ सिन्हा और हावड़ा से राजीब बनर्जी भी बैठक में नहीं आए। इनकी गैरमौजूदगी से राजनीतिक गलियारों में हलचल है, क्योंकि वो अंदर ही अंदर पार्टी से नाराज चल रहे। साथ ही अटकलें है कि राजीव बनर्जी पक्षपात का आरोप लगाकर टीएमसी का साथ छोड़ सकते हैं। कुछ इसी तरह का मामला शुभेंदु अधिकारी के केस में हुआ था, उन्होंने भी ममता बनर्जी का साथ छोड़ने से पहले कैबिनेट बैठक से दूरी बना ली थी।
ममता बनर्जी का अमित शाह पर पलटवार- मुझे गलत साबित करें नहीं तो ढोकला की दावत दें
क्यों
नाराज
थे
शुभेंदु?
सूत्रों
के
मुताबिक
टीएमसी
में
ममता
बनर्जी
के
भतीजे
अभिषेक
बनर्जी
की
दखल
बढ़ती
जा
रही
है,
जो
कई
नेताओं
को
पसंद
भी
नहीं
है।
इसके
अलावा
हाल
ही
में
प्रशांत
किशोर
ने
पार्टी
में
कई
बड़े
बदलाव
किए,
जिसमें
वरिष्ठ
नेताओं
की
राय
नहीं
ली
गई।
वहीं
शुभेंदु
की
64
विधानसभा
सीटों
पर
पकड़
मजबूत
है,
वो
चाहते
थे,
उन
सीटों
पर
उनकी
पसंद
के
उम्मीदवार
उतारे
जाएं,
लेकिन
ऐसा
नहीं
हुआ।
धीरे-धीरे
पार्टी
में
गतिरोध
बढ़ता
गया
और
उन्होंने
पार्टी
छोड़
दी।