#Wef2018: PM मोदी ने दावोस में बताए मानव सभ्यता के लिए 3 सबसे बड़े खतरे
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम के मंच को संबोधित किया। स्विट्डरलैंड के शहर दावोस में आयोजित इस वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम के मंच से बोलते हुए पीएम मोदी ने दुनिया के सामने 3 बड़ी चुनौतियों का जिक्र किया जो आने वाले समय में मानव सभ्यता के लिख बड़े खतरे साबित हो सकते है।
पहला खतरा-क्लाइमेट चेंज
पीएम मोदी ने दुनिया के सामने पहला बड़ा खतरा जलवायु परिवर्तन को बताया। उन्होंने कहा, 'मैं आज इस मंच से सिर्फ 3 प्रमुख चुनौतियों का जिक्र करना चाहता हूं जो मानव सभ्यता के लिए सबसे बड़े खतरे पैदा करते हैं। पहला खतरा है क्लाइमेट चेंज का। ग्लेशियर पीछे हटते जा रहे हैं। आर्कटिक की बर्फ पिघलती जा रही है। बहुत से द्वीप डूब रहे है। बहुत गर्मी और बहुत ठंड, बेहद बारिश या बाढ़ या सूखा। मौसम का प्रकोप दिन पर दिन बढ़ता जा रहा है। हर कोई कहता है कार्बन उत्सर्जन को कम करना चाहिए। लेकिन ऐसे कितने देश या लोग हैं जो विकासशील देशों और समाजों को इसके लिए उपयुक्त टेक्नोलॉजी उपलब्ध करने के लिए आवश्यक संसाधन मुहैया करने में मदद करना चाहते है। ये समय इस चुनौती से निकलेने का है। हमें अपने सीमित संसाधनों से बाहर निकलकर इसके खिलाफ एकजुट होना होगा।'
दूसरा बड़ा खतरा-आतंकवाद
पीएम मोदी ने दूसरा खतरा आतंकवाद को बताया। पीएम मोदी ने कहा, 'आतंकवाद जितना खतरनाक है उससे भी खतरनाक है अच्छा आतंकवाद और बुरा आतंकवाद के बीच बनाया गया आभासी भेद। इससे जुड़ा एक और मुद्दा है पढ़े लिखे शिक्षित युवाओं का कट्टर होकर आतंकवाद में लिप्त होना। मुझे आशा है आतंकवाद और हिंसा की दरारों से हमारे सामने मौजूद गंभीर चुनौतियों पर और उनके समाधान पर हर देश कुछ न कुछ बोले।'
तीसरा बड़ा खतरा
पीएम मोदी ने आगे कहा, 'तीसरी चुनौती है कि बहुत से समाज और देश ज्यादा से ज्यादा आत्मकेंद्रित होते जा रहे है। ऐसा लगता है कि ग्लोबलाइजेशन अपने नाम के विपरीत सिकुड़ रहा है। इस प्रकार की मनोवृत्तियों और गलत प्राथमिकताओं के दुष्परिणाम को जलवायु परिवर्तन या आतंकवाद के खतरे से कम नहीं आंका जा सकता। ग्लोबलाइजेशन के विरुद्ध इस चिंताजनक स्थिति का हल अलगाव में नहीं है। इसका समाधान परिवर्तन को समझने और उसे स्वीकारने में है, बदलते हुए समय के साथ चुस्त और लचीली नीतियां बनाने में है।'