कोलकाता के इस दुर्गा पंडाल में रोती हुई "मां" कर रही विलाप, गूंज रही चीखें दे रही ये खास संदेश
कोलकाता के इस दुर्गा पंडाल में रोती हुई "मां" कर रही विलाप, चीखें गूंज कर दे रही ये, खास संदेश
कोलकाता, 28 सितंबर: शरदीय नवरात्रि के अवसर पर जगह- जगह दुर्गा पंडाल सज रहे हैं और विधि विधान से दुर्गा पूजा का आयोजन किया जा रहा है। पश्चिम बंगाल जहां का ये प्रमुख त्योहार माना जाता है उस प्रदेश की राजधानी में इस वर्ष सजा एक पंडाल लोगों को ध्यान अकर्षित कर रहा है। दुर्गा पूजा पंडाल की मूर्ति और अनूठी थीम ने लोगों को झकझोर कर रख दिया है।
'बंगाल में रक्तपात' का दर्द बयां कर रहा ये पंडाल
कोलकाता के नारकेलडांगा के पास सरस्वती कालीमाता मंदिर परिषद क्लब ने जो इस बार जो थीम चुनी हैं उसमें बंगाल हिंसा और उसमें मारे गए मृत भाजपा कार्यकर्ता अभिजीत सरकार और अन्य लोगों की मौत के बाद करुण कुंदन नजर आ रहा है। बंगाल चुनाव के समय हुई हिंसा की याद में रोती हुई माताओं और 'बंगाल में रक्तपात' की कहानी बयां करता ये पंडाल देख हर किसी के रोंगटे खड़े हो जा रहे हैं।
काले टेंट में सजी ये मां की ये मूर्ति देख आ जाएंगे आंसू
इस थीम का संदेश है "मायेदर कन्ना रक्तत्तो बांग्ला" यानी बंगाल में रोती हुई मां और खूनखराबा। दुर्गा की मूर्ति में देवी को एक दुखी मां जो अस्त्रों (हथियारों) के साथ अपने हाथ में एक शिशु को उठाए हुए दिखाया गया है। काले रंग के टेंट में लाल रंग के खून की छींटे के साथ इस दुर्गा पंडाल में सरकार के रक्तपात और चुनाव के बाद हुई कथित हिंसा को चित्रित करने की कोशिश की गई हैं कि कैसे इस हिंसा ने पीड़ित परिवारों को तबाह कर दिया।
मृत भाजपा कार्यकर्ता को समर्पित हैं ये नवरात्रि पूजा
मंगलवार को विपक्ष के नेता और बंगाल भाजपा नेता सुवेंदु अधिकारी द्वारा उद्घाटन किया गया, पंडाल ने भाजपा कार्यकर्ता अभिजीत सरकार को श्रद्धांजलि दी, जो कथित तौर पर चुनाव के बाद की हिंसा के दौरान मारे गए थे। पंडाल की थीम के पीछे मृतक के भाई बिस्वजीत सरकार ने कल्पना थी, जो क्लब के प्रमुख भी हैं। उन्होंने कहा पंडाल में माहौल काफी उदास था। पंडाल में संगीत या मंत्रों की जगह भूतिया चीखें गूंज उठीं। सरकार ने कहा कि भयानक माहौल ने व्यक्त किया कि हिंसा के बाद पीड़ित उनके परिवार और अन्य लोगों ने कैसा महसूस किया।
बिस्वजीत सरकार ने बताया पंडाल लगाने में क्या आईं दिक्कतें
बिस्वजीत सरकार ने कहा कि इस दुर्गा पंडाल को बनाने का सफर आसान नहीं था। उन्होंने सत्तारूढ़ सरकार पर उनके प्रयासों को रोकने के और "धमकाने का आरोप लगाया। स्थानीय अधिकारियों ने श्रमिकों को यहां बांस की शाफ्ट लगाने से रोक दिया। कुछ ने पंडाल में आग लगाने की झूठी खबर भी फैलाई। उन्होंने आरोप लगाया कि राज्य पुलिस ने भी उनकी मदद करने से इनकार कर दिया क्योंकि वे टीएमसी सुप्रीमो और बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी द्वारा "नियंत्रित" थे।
Admire the guts & grit of Biswajit Sarkar to put up such a bold & realistic theme which affected the lives of not only the victims but also those who were covertly affected..#WBPostPollViolence #AbhijitSarkar https://t.co/dsQfgI6akM
— Ranita Ch (@ChRanita) September 27, 2022
अभिजीत सरकार की मई 2021 में भीड़ द्वारा हत्या कर दी गई थी
बता दें भाजपा नेता अभिजीत सरकार की कथित तौर पर मई 2021 में भीड़ द्वारा हत्या कर दी गई थी और उसका शव हावड़ा के कंकुरगाछी इलाके से बरामद किया गया था। सरकार परिवार ने टीएमसी विधायक परेश पाल पर अभिजीत की हत्या में शामिल होने का आरोप लगाया था। सीबीआई ने उसी पर जांच शुरू की है जिसके बाद पाल से हाल ही में पूछताछ की गई थी।
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