देश के कई हिस्सों में आंधी-तूफान का तांडव, अगले 24 घंटों में यहां हो सकती है भारी बारिश और ओलावृष्टि
नई दिल्ली। पूरा देश इस वक्त कोरोना संकट से जूझ रहा है, तो वहीं देश के कई राज्यों में हो रही बेमौसम बरसात ने किसानों को बुरी तरह से परेशान कर दिया है, रविवार को दिल्ली-एनसीआर समेत देश के कई राज्यों में आंधी-तूफान आया और कहीं-कहीं तो बिजली गिरने की भी घटनाएं हुई हैं तो वहीं स्काईमेट वेदर के मुताबिक अगले 24 घंटों के दौरान देश के कई हिस्सों में आंधी-तूफान आने की आशंका है। वेबसाइट के मुताबिक केरल और दक्षिणी-आंतरिक कर्नाटक में हल्की से मध्यम बारिश के साथ एक-दो स्थानों पर भारी वर्षा के आसार हैं।
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यहां हो सकती है भारी बारिश और ओलावृष्टि
स्काईमेट ने कहा है कि असम, मेघालय, अरुणाचल प्रदेश, नागालैंड , जम्मू-कश्मीर, लद्दाख, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, गिलगित-बाल्टिस्तान, मुजफ्फराबाद, पंजाब, हरियाणा, उत्तरी राजस्थान, दिल्ली, पश्चिमी उत्तर प्रदेश, मध्य के कुछ हिस्सों और विदर्भ में धूल भरी आंधी और गरज के साथ हल्की बारिश संभव है। तटीय आंध्र प्रदेश में हल्की बारिश हो सकती है।
मौसम का मिजाज खराब रहने की संभावना
तो वहीं भारतीय मौसम विभाग ने कहा है कि उत्तरखंड में 10 और 11 मई को ओलावृष्टि हो सकती है औ अगले 24 घंटों के दौरान देश के कई राज्यों में मौसम का मिजाज खराब रहने की संभावना है, उसका कहना है कि देश में कई जगहों पर 10 से लेकर 12 मई तक बारिश और वज्रपात के साथ-साथ ओलावृष्टि होने के आसार हैं, और इस दौरान 40 से 60 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवा भी चल सकती है।
भारी बारिश होने की आशंका
आईएमडी ने दिल्ली, एनसीआर, हरियाणा, पंजाब, उत्तर प्रदेश, बिहार, मणिपुर, मिजोरम, त्रिपुरा, मेघालय उप-हिमालयी पश्चिम बंगाल, सिक्किम , हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, केरल, कर्नाटक, मध्य महाराष्ट्र, उत्तरी ओडिशा, अंडमान व निकोबार , जम्मू कश्मीर, लद्दाख, राजस्थान, तटीय आंध्र प्रदेश, आंतरिक तमिलनाडु में भारी बारिश होने की आशंका व्यक्त की है तो वहीं राजस्थान और गुजरात के लोगों को भी आंधी का सामना कर पड़ सकता है, इस दौरान लोगों को सचेत रहने के लिए कहा गया है।
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'चक्रवाती तूफान' पर असमंजस बरकरार
तो वहीं 'चक्रवाती तूफान' को लेकर वैज्ञानिकों का असमंजस बरकरार है, स्काईमेट का कहना है कि दक्षिण-पूर्वी बंगाल की खाड़ी और इससे सटे अंडमान सागर पर बना सिस्टम अभी प्रभावी नहीं है और इसी वजह से यह तूफान का रूप धारण नहीं कर पाया है, मॉडन जूलियन ओषिलेशन के दायरे में कमी होने की वजह से बंगाल की खाड़ी पर बना सिस्टम अभी कमजोर पड़ गया है लेकिन अभी खतरा टला नहीं है, बता दें कि माडन जूलियन ओषिलेशन, एक महत्वपूर्ण मौसमी पहलू है जो कि मौसमी स्थितियों को चक्रवात के पक्ष में बनाने का काम करता है। मौसम विशेषज्ञों के अनुसार अगले 24 से 48 घंटों के भीतर दक्षिण-पश्चिमी बंगाल की खाड़ी पर एक नया चक्रवाती सिस्टम बनेगा। यह सिस्टम पहले से बने चक्रवाती क्षेत्र के साथ मिल जाएगा। दोनों सिस्टमों की हवाएँ जब आपस में मिल जाएंगी तब एक प्रभावी सिस्टम के विकसित होने की संभावना है।