J&K Weather Updates: धरती की 'जन्नत' का मौसम खराब, नेशनव हाईवे बंद, परीक्षाएं स्थगित, उड़ानें रद्द
J&K Weather Updates: धरती की 'जन्नत' कहे जाने वाले कश्मीर में सर्दी का तांडव लगातार जारी है। जम्मू-कश्मीर में लगातार हो रही बर्फबारी ने गलन बढ़ा दी है , मौसम विभाग ने यहां पर हिमस्खलन की चेतावनी जारी की है। आईएमडी ने यहां 7 जनवरी तक Yellow Alert जारी किया है। विभाग के मुताबिक पुंछ, किश्तवाड़, राजोरी, रामबन, डोडा, अनंतनाग, कुलगाम, बारामुला, कुपवाड़ा बांदीपोरा और लद्दाख के कारगिल में हल्के 'हिमस्खलन' की आशंका है। मालूम हो कि हिमपात की वजह से इस वक्त जम्मू-श्रीनगर नेशनल हाईवे बंद है तो वहीं खराब दृश्यता के वजह से लगातार दूसरे दिन भी श्रीनगर हवाई अड्डे पर विमानों का आवाजाही प्रभावित हुई है।
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'रनवे पर बर्फबारी के कारण विमान उड़ नहीं सकता'
आज भी कई फ्लाइट्स रद्द हो गई हैं। एयरपोर्ट अथॉरिटी की ओर से कहा गया है कि दिन में दृश्यता की स्थिति में सुधार होने के बाद विमानों का परिचालन शुरू हो पाएगा, अभी तो रनवे पर बर्फबारी के कारण विमान उड़ नहीं सकता। स्नोफॉल की वजह से कश्मीर विश्वविद्यालय ने आज होने वाली स्नातक की परीक्षाएं स्थगित कर दी हैं और राज्य की बिजली और पानी की व्यवस्था पर भी असर पड़ा है। हालांकि कश्मीर में कई जगहों पर लोगों को बर्फबारी का आनंद उठाते भी देखा गया है।
कश्मीर में बिगड़ा मौसम
मालूम हो कि बर्फबारी का दौर केवल कश्मीर में ही नहीं बल्कि हिमाचल और उत्तराखंड में भी जारी है। उत्तराखंड में हिमपात की आशंका है, भारत मौसम विज्ञान विभाग ने कल से ही यहां हिमपात और बारिश के लिए अलर्ट जारी किया है। मौसम विभाग के मुताबिक राज्य में भारी बारिश के साथ ओले पड़ने की भी आशंका है तो वहीं 4-5 जनवरी को भी दिल्ली, हिमाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर, पंजाब में भी भारी बारिश और ओले गिरने की संभावना को व्यक्त किया गया है।
हिमपात की आशंका
वैसे जहां मौसम ने एक तरफ हिमपात की आशंका व्यक्त की है वहीं दूसरी ओर मसूरी समेत राज्य के कई इलाकों में बर्फबारी भी जारी है, मौसम विभाग ने कहा है कि बर्फबारी का ये सिलसिला अगले एक हफ्ते तक जारी रहेगा और लोग बर्फबारी का आनंद उठा सकते हैं।
क्या होता है हिमस्खलन?
दरअसल हिमस्खलन (avalanche) किसी ढलान वाली सतह पर बहुत तेज गति से होने वाले हिम के बहाव को कहते हैं। यह आमतौर पर किसी ऊंचे क्षेत्र में उपस्थित हिमपुंज में अचानक अस्थिरता पैदा होने से आरम्भ होते हैं। शुरु होने के बाद ढलान पर नीचे जाता हुआ हिम गति पकड़ने लगता है और इसमें बर्फ की और भी मात्रा शामिल होने लगती है। ये काफी भयानक होता है।