वज्रपात के चलते जा रही है लोगों की जान, जानें कैसे करें खुद का बचाव
नई दिल्ली। पिछले दिनों में बज्रपात से हुई मौतों की संख्या को हम देख ही रहे हैं। इसके लिए मौसम विभाग की तरफ से जिस तरह से अलर्ट रहने की चेतावनी बार-बार दी जा रही है, उससे इसकी गंभीरता को भी हम समझ सकते हैं। वैसे भी भारत में हर साल करीब 2.5 हजार से लेकर 3 हजार लोग आकाशीय बिजली की चपेट में आते हैं। ऐसी घटनाएं अधिकांशतः मध्य प्रदेश, झारखण्ड, यूपी, उड़ीसा, बिहार, छत्तीसगढ़ और पश्चिम बंगाल में होते हैं। इसलिए यह जरूरी है कि इससे बचने के तरीकों की जानकारी हमें हों और समय आने पर इन तरीकों पर हम अमल भी करें। आइये जानते हैं इस आकाशीय आपदा से हमें कैसे बचने की कोशिश करनी चाहिए।
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सबसे ऊँची चीज़ पर आकर्षित होकर गिरती है बिजली
खुले मैदान में बिजली सबसे ऊँची चीज़ पर आकर्षित होकर गिरती है जैसे बड़े वृक्ष, बिजली के खंभे, पहाड़ी, इमारत आदि। बिजली अपने गिरने की जगह से 100 फुट की दूरी तक घातक हो सकती है इसलिए कोशिश करें कि बारिश और तेज़ गरज के समय खुले मैदान में न रहें। अगर आप खेत में काम कर रहे हों तथा आस-पास घर न हो तो जहाँ हैं वहीं पैर सटाकर बैठ जाएं, खड़े बिल्कुल भी न रहें और न ही लेटें। याद रखें बिजली आस-पास के सबसे ऊँची चीज़ पर सबसे पहले गिरती है। इसलिए खेत में कोई गड्ढा हो या निचली जगह जैसा कुछ हो तो वहां पनाह लें।
जूते चप्पल आपको आकाशीय बिजली से बचा लेंगे?
अपनी कार से जा रहे हैं और बिजली कड़कने लगे तो कार के अंदर ही दरवाज़े बंद करके बैठे रहें, क्योंकि बिजली कार पर गिरेगी तो उसकी ऊपरी सतह से होते हुए सीधे ज़मीन में चली जाएगी, कार के अंदर नहीं जाएगी। धारा प्रवाह का नियम है कि वो किसी मेटल की खोखली वस्तु की ऊपरी सतह पर ही बिजली होती है, भीतरी सतह पर नहीं। कोशिश करें कि कार रोककर साइड में लगाकर विंडो और शीशे बन करके अंदर ही बैठे रहें, यह सबसे अच्छा रहेगा। साइकिल या मोटरसाइकिल से जा रहे हों तो उतर कर साइकिल/मोटरसाइकिल से दूर कहीं बैठ जाएं। यह जान लें कि बिजली मेटल से ज़्यादा आकर्षित होती है इसलिए इस भ्रम में न रहे कि रबर या प्लास्टिक के जूते चप्पल आपको आकाशीय बिजली से बचा लेंगे।
छाता का क्या करें?
अगर आप ऐसे मौसम में कहीं बाहर फंस गए हैं और आपके पास पहले से छाता है ताकि आप बारिश से बच सकें, तो अगर बिजली चमक रही है और आसमान से गड़गड़ की आवाज आ रही है तो आप अपने छाता को न खोलें। छाता में उपयोग हुए धातु भी बिजली को आकर्षित कर सकता है। वैसे तो बेहतर है कि यदि मजबूरी न हों तो ऐसे हालत में घर में ही रहें।
बिजली उपकरणों का क्या करें
घर के सारे बिजली के स्विच बंद कर लें। टीवी, बल्ब, और कुछ एप्लायंसेज ख़राब हो सकते हैं। इस दौरान शावर न लें। बिजली के सारे एप्लायंसेज बंद रखें। कोशिश करें कि मेटल के नल से भी दूर रहें। इस समय अगर आप पुल, नदी, झील में हों तो तुरंत बाहर निकल कर घर में आ जाएं या आने का मौका न हो तो निकलकर किसी जगह बैठ जाएं। जंगल में हों तो छोटी झाड़ियों के पास आ जाएं अथवा बड़े वृक्ष ही सब हों तो उससे थोड़ी दूर जाकर बैठ जाएं।
बारिश में नहाने का मन करे तो
बारिश में नहाने का अपना आनंद है लेकिन जब बिजली कड़क रही हो तो ये आनंद न लें। याद रखें अगर आप खुले में हैं तो अपने आस-पास सबसे ऊंची चीज़ बनने से खुद को बचाएं। ऊपर से गिरती बिजली को जो सबसे पहले मिलेगा, उसी पर गिरेगी और इस दौरान मेटल (या पानी) की किसी भी चीज़ के डायरेक्ट संपर्क से बचें।