Cyclone Nisarga: अरब सागर में सक्रिय तूफान हुआ शक्तिशाली, मुंबई पर मंडराया खतरा, Red Alert जारी
नई दिल्ली। कोरोना संकट से जूझ रहे गुजरात और महाराष्ट्र पर अब चक्रवात का खतरा मंडरा रहा है, भारतीय मौसम विभाग ने सोमवार को अपने ताजा अपडेट में कहा है कि अरब सागर में बना दवाब भयानक चक्रवात 'निसर्ग' में बदल सकता है, जिससे अब ज्यादा मुंबई को खतरा हो सकता है, आईएमडी के मुताबिक 3 जून को नार्थ महाराष्ट्र और साउथ गुजरात तटों से इस चक्रवात के टकराने की संभावना है, जिससे मुंबई समेत ठाणे, पनवेल, कल्याण-डोम्बिवली, मीरा-भयंदर, वसई-विरार, उल्हासनगर, बदलापुर और अंबरनाथ जैसे शहर प्रभावित हो सकते हैं।
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मुंबई पर मंडराया खतरा
भारतीय मौसम विभाग (आईएमडी) ने महाराष्ट्र और गुजरात के तटीय इलाकों में चक्रवात 'निसर्ग' के मद्देनजर रेड अलर्ट जारी किया है, हालांकि पहले कहा जा रहा था कि इस चक्रवात से गुजरात ज्यादा प्रभावित होगा और मुंबई पर असर नहीं होगा लेकिन अब मौसम विभाग ने कहा कि इस चक्रवात का रूख उत्तरी महाराष्ट्र की ओर से हो गया है, जिससे मुंबई सबसे ज्यादा प्रभावित हो सकती है।
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कोरोना से जूझ रही मुंबई के लिए आई परेशान करने वाली खबर
गौरतलब है कि कोरोना से जूझ रही मुंबई के लिए ये खबर काफी परेशान करने वाली है। विभाग के मुताबिक यह तूफान के दो जून को उत्तर की ओर बढ़ेगा और तीन जून की शाम को उत्तर महाराष्ट्र और दक्षिण गुजरात के तटों को पार करेगा, जिससे इन क्षेत्रों में भारी बारिश संभव है।
साइक्लोन मैन ने दी अहम जानकारी
भारत के नामी वैज्ञानिक और साइक्लोन मैन के नाम से मशहूर चक्रवाती चेतावनी के विशेषज्ञ मृत्युंजय महापात्रा ने आज कहा कि तीन जून शाम को तूफान जब तट पार करेगा तो इसकी गति 105 से 110 किलोमीटर प्रति घंटा की होगी जिससे दक्षिणी गुजरात और तटीय महाराष्ट्र में इससे भारी बारिश की आशंका है। इस तूफान का असर आस-पास के क्षेत्रों में भी संभव है इसलिए आईएमडी ने केरल, कर्नाटक के तटीय इलाकों, गोवा और महाराष्ट्र के तटीय इलाकों के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया है।
क्यों आते हैं 'चक्रवात'?
पृथ्वी के वायुमंडल में हवा होती है, समुद्र के ऊपर भी जमीन की तरह ही हवा होती है, हवा हमेशा उच्च दाब से निम्न दाब वाले क्षेत्र की तरफ बहती है. जब हवा गर्म हो जाती है तो हल्की हो जाती है और ऊपर उठने लगती है, जब समुद्र का पानी गर्म होता है तो इसके ऊपर मौजूद हवा भी गर्म हो जाती है और ऊपर उठने लगती है. इस जगह पर निम्न दाब का क्षेत्र बनने लग जाता है, आस पास मौजूद ठंडी हवा इस निम्न दाब वाले क्षेत्र को भरने के लिए इस तरफ बढ़ने लगती है. लेकिन पृथ्वी अपनी धुरी पर लट्टू की तरह घूमती रहती है, इस वजह से यह हवा सीधी दिशा में ना आकर घूमने लगती है और चक्कर लगाती हुई उस जगह की ओर आगे बढ़ती है, इसे चक्रवात कहते हैं।
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