भारत और फ्रांस के युद्धाभ्यास में सैनिकों के लिए अनुकूल बना राफेल: बिपिन रावत
नई दिल्ली। भारत और फ्रांस के बीच युद्धाभ्यास डेसर्ट नाइट-21 चल रहा है। इसी बीच भारत के चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) जनरल बिपिन रावत गुरुवार को फ्रांस के लड़ाकू विमान राफेल को उड़ाएंगे। भारतीय वायुसेना के अधिकारियों ने कहा, 'सीडीएस को युद्धाभ्यास के बारे में जानकारी दी जाएगी और बताया जाएगा कि कैसे दोनों देशों की वायु सेनाओं के बीच संयुक्त अभ्यास किस तरह से अंतर-क्षमता को बढ़ा रहा है।'
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इससे पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ को जोधपुर एयर बेस स्टेशन पर इस युद्धाभ्यास के विभिन्न पहलुओं से अवगत कराया गया। भारत और फ्रांस के बीच यह युद्धाभ्यास काभी अहम माना जा रहा है। आपको बता दें कि किसी भी देश में यह पहला मौका है, जब राफेल युद्धाभ्यास में शामिल हुआ हो। भारत और फ्रांस के युद्धाभ्यास के दौरान दोनों सेनाएं एक दूसरे के अनुभव साझा करेंगी। राफेल डील के बाद पहली बार इस विमान का इस्तेमाल युद्धाभ्यास में होने जा रहा है।
भारत और फ्रांस के वायुसेना के जवानों का युद्धाभ्यास बुधवार से जोधपुर में शुरू हो गया है। युद्धाभ्यास के पहले चरण में चार फ्रांसीसी राफेल लड़ाकू विमान अपने ए-320 मल्टीरोल टैंकर परिवहन विमान का उपयोग करके जिबूती एयरबेस से लगभग चार घंटे की सीधे उड़ान भरने के बाद जोधपुर पहुंचे। उनका परिवहन विमान भी यहां उतरा है।
फ्रांस से आए हाईटेक विमान
वायुसेना के मुताबिक इस एक्सरसाइज में फ्रांस की तरफ से राफेल, एयरबस ए-330 मल्टी-रोल टैंकर ट्रांसपोर्ट (एमआरटीटी), ए-400एम सामरिक परिवहन विमान और लगभग 175 वायुसैनिक हिस्सा ले रहे हैं। वहीं भारत की ओर से भी राफेल, मिराज-2000, सु-30, समेत कई विमान शामिल हुए। ये पहला मौका है जब भारतीय राफेल किसी अंतरराष्ट्रीय स्तर की एक्सरसाइज में शामिल हुए हैं। ये सैन्य अभ्यास दोनों वायु सेनाओं के बीच सहयोग की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।
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