'फोर्टिस' की सफाई, बच्ची के पिता को घूस देने की बात झूठी
गुरुवार को जयंत सिंह ने कहा था कि अस्पताल ने उन्हें विरोध खत्म करने के लिए 10 लाख का चेक और अलग से 25 लाख रुपए का ऑफर दिया है।
नई दिल्ली। फोर्टिस अस्पताल ने डेंगू से मौत का शिकार बनी सात साल की बच्ची के पिता जयंत सिंह के दावे को झूठा बताया है। फोर्टिस अस्पताल की तरफ से कहा गया है कि जयंत सिंह को मामले को रफा-दफा करने के लिए पैसे का ऑफर नहीं किया गया। गुरुवार को जयंत सिंह ने कहा था कि अस्पताल ने उन्हें विरोध खत्म करने के लिए 10 लाख का चेक और अलग से 25 लाख रुपए का ऑफर दिया है। उन्होंने बताया था कि न केवल फोर्टिस हॉस्पिटल के वरिष्ठ सदस्यों ने पूरे बिल को देखने की सहमति जताई यहां तक कि अस्पताल के खिलाफ चल रहे सोशल मीडिया अभियान को रोकने के लिए उसने उन्हें पैसे भी देने की पेशकश की। जयंत सिंह ने बताया 'फोर्टिस के वरिष्ठ सदस्यों ने मुझसे मुलाकात की और मुझे 10,37,88 9 रुपये की पूरी रकम वापस लेने की पेशकश की'। जिसके बाद से फोर्टिस अस्पताल ने पूरे मामले पर सफाई दी है।
फोर्टिस अस्पताल पर लगे गंभीर आरोप
हरियाणा के स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने कहा है कि डेंगू पीड़ित बच्ची के इलाज के बदले 18 लाख रुपये के बिल थमाने के चर्चित मामले में गुरुग्राम के फोर्टिस अस्पताल के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाई जाएगी। इलाज के दौरान 7 साल की बच्ची की मौत हो गई थी। फोर्टिस अस्पताल ने शव सौंपने से पहले बच्ची के परिजनों को 18 लाख रुपये का बिल थमाया था। इस बिल में दवाइयों से लेकर दस्ताने तक के दाम शामिल थे। मीडिया में खबर आने पर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा और हरियाणा के स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने मामले में कार्रवाई के आदेश दिए थे।
ये मौत नहीं हत्या है
अनिल विज ने बताया कि ADG हेल्थ की अध्यक्षता में गठित कमेटी की जांच पूरी हो चुकी है। कमेटी की ये रिपोर्ट 50 पन्नों की है। विज ने बताया कि फोर्टिस अस्पताल में कई अनियमितताएं पाई गई हैं। विज ने कहा कि वह इस बारे में एमसीआई को पत्र लिखेंगे और अस्पताल के खिलाफ FIR भी दर्ज करवाई जाएगी। अनिल विज ने कहा ये मौत नहीं बच्ची की हत्या है। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि फोर्टिस अस्पताल ने MOU का उल्लंघन किया है और HUDA को अस्पताल की लीज रदद् करने की मांग भी करेंगे। यही नहीं फोर्टिस अस्पताल ने बच्ची के परिजनों के जाली हस्ताक्षर किए।
जानें क्या था पूरा मामला
दिल्ली के द्वारका इलाके की निवासी उदया सिंह को 27 अगस्त को तेज बुखार हुआ। पिता जयंत सिंह उसे द्वारका के सेक्टर-12 स्थित रॉकलैंड अस्पताल में लेकर गए थे। उदया की जांच में उसे 31 अगस्त को टाइप-4 का डेंगू से पीड़ित पाया गया। रॉकलैंड के डॉक्टरों ने उसे वहां से शिफ्ट करने की सलाह दी।जयंत सिंह ने उसी दिन उदया को गुरुग्राम के फोर्टिस अस्पताल में भर्ती करवाया था। यहां उसे पहले दिन वेंटिलेटर पर रखा गया। इसके बाद 14 सितंबर को जब उसे फोर्टिस से फिर रॉकलैंड में शिफ्ट किया गया तो उसे बिना उपकरणों वाली एम्बुलेंस में भेज दिया गया। इसी दौरान उदया जीवन की लड़ाई हार गई।
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