मुद्दों को सुलझाने के लिए चीन से बात कर सकते हैं, तो पाकिस्तान के साथ क्यों नहीं: फारूक अब्दुल्ला
नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला ने शनिवार को लोकसभा में पाकिस्तान से साथ वार्ता शुरू करने पर जोर दिया। फारूक अब्दुल्ला ने चीन का उदाहरण देते हुए कहा कि जब समस्या के समाधान के लिए हम चीन से बात कर सकते हैं तो हमारे पड़ोसी देश से क्यों नहीं ताकि दोनों देशों के बीच लंबित मुद्दों को हल किया जा सके। बता दें कि नेशनल कांफ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला पहली बार नजरबंदी से रिहा होने के बाद संसद में बोल रहे थे।
शनिवार को लोकसभा में जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला ने कहा, जम्मू-कश्मीर की स्थिति आज ऐसी है कि जहां प्रगति होनी थी वहां कोई प्रगति नहीं है। आज भी हमारे बच्चे और दुकानदारों के पास 4जी फैसिलिटी नहीं है जो हमारे पास हिंदुस्तान की बाकि जगहों पर है। वो तालीम कैसे ले सकते हैं जबकि सबकुछ आज इंटरनेट पर है। बॉर्डर पर होने वाली झड़पें बढ़ रही हैं और लोग मर रहे हैं। इस स्थिति से निकलने का कोई रास्ता निकालना पड़ेगा। जिस तरह आप चीन से बातचीत कर रहे हैं कि वो पीछे हट जाए वैसे ही हमें हमारे पड़ोसियों से बात करनी चाहिए।
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श्रीनगर से लोकसभा सांसद फारूक अब्दुल्ला ने एक मुठभेड़ में शोपियां में तीन लोगों की हत्याओं में सेना की जांच के निष्कर्षों पर अपनी खुशी भी व्यक्त की। उन्होंने कहा, 'मुझे खुशी है कि सेना ने स्वीकार किया कि तीन शोपियां के लोग गलती से मारे गए। मुझे उम्मीद है कि सरकार पीड़ित परिवारों को भारी भरकम मुआवजा देगी।' बता दें कि अधिकारियों ने शुक्रवार को कहा था कि सेना ने जुलाई में मुठभेड़ के दौरान सशस्त्र बल विशेष शक्तियां अधिनियम के तहत अपने सैनिकों के उल्लंघन के सबूत मिले हैं और अनुशासनात्मक कार्यवाही शुरू की है।