नक्सलियों के खिलाफ CRPF की कोबरा फोर्स में अब शामिल की जाएंगी महिला योद्धा
केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के महानिदेशक डॉ ए.पी माहेश्वरी ने गुरुवार को कहा कि हम कोबरा फोर्स (नक्सल विरोधी विंग) में महिला योद्धाओं को शामिल करने पर विचार कर रहे हैं।
नई दिल्ली। केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के महानिदेशक डॉ ए.पी माहेश्वरी ने गुरुवार को कहा कि हम कोबरा फोर्स (नक्सल विरोधी विंग) में महिला योद्धाओं को शामिल करने पर विचार कर रहे हैं। माहेश्वरी ने दिल्ली में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा, "हम महिलाओं को कोबरा में शामिल करने के पक्ष में हैं।" प्रेस कॉन्फ्रेंस में माहेश्वरी ने कहा कि, "वर्ष 2020 में हमने जम्मू-कश्मीर में रियाज नाइको सहित कुल 215 आतंकवादियों को निष्प्रभावी किया था।" उन्होंने कहा कि, "हमने यूएवी, ट्रैकर्स, असॉल्ट राइफलों को भी सेना में शामिल किया है।
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इन उपकरणों से सेना को मजबूती मिलेगी। अपनी K9 टीम को मजबूत करने के लिए हमारे पास बेंगलुरु में एक कुत्ता प्रजनन और प्रशिक्षण केंद्र है। हाल ही में, हमने स्थानीय नस्लों को भी शामिल किया है। हमने साइबर सिक्योरिटी कर्मियों के रूप में शारीरिक रूप से अक्षम लोगों को स्थानांतरित और पुनर्निर्मित किया है ताकि वे अपनी गरिमा बनाए रखते हुए बेहतर बनने में योगदान दे सकें।"
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मालूम हो कि कोबरा की अधिकांश टीमें विभिन्न माओवादी हिंसा प्रभावित राज्यों में तैनात हैं और कुछ उत्तर-पूर्वी राज्यों में आतंकवाद विरोधी अभियानों के लिए तैनात की गई हैं। कोबरा की 10 इकाईयों को 12,000 से अधिक कर्मियों के साथ खुफिया आधारित जंगल युद्ध संचालन करने के लिए 2009 में सीआरपीएफ के अंतर्गत लाया गया था। कोबरा इकाइयों में शामिल सैनिकों को कठिन मानसिक और शारीरिक मापदंडों को पूरा करना पड़ता है।
केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) में 1986 से महिला कर्मियों मौजूद हैं। वर्तमान में इसमें महिला बटालियनों की संख्या 6 है। गौरतलब है कि लगभग 3.25 लाख कर्मियों की ताकत वाला यह बल (सीआरपीएफ) देश का सबसे बड़ा अर्धसैनिक बल है और इसे प्रमुख आंतरिक सुरक्षा मुकाबला इकाई के रूप में नामित किया गया है।