दिल्ली में बढ़ा बाढ़ का खतरा, खतरे के निशान से ऊपर पहुंची यमुना, सीएम केजरीवाल ने बुलाई आपात बैठक
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नई दिल्ली। देश के कई राज्यों में नदियों का जलस्तर बढ़ने से बाढ़ आ गई है और बड़े पैमाने पर इन राज्यों में जानमाल का नुकसान हुआ है। वहीं, राजधानी दिल्ली में भी बाढ़ का खतरा बढ़ गया है। हथनीकुंड बैराज से पानी छोड़े जाने के बाद सोमवार को सुबह यमुना नदी खतरे के निशान से ऊपर पहुंच गई। यमुना के बढ़ते जलस्तर को देखते हुए दिल्ली सरकार ने नदी के जलभराव क्षेत्र को खाली करने का आदेश दिया है।
बढ़ते पानी को देखते हुए बचाव दल को भी सक्रिय कर दिया गया है। यमुना नदी का पानी तेजी से बढ़ता देख दिल्ली सरकार हरकत में आई है। सीएम अरविंद केजरीवाल ने आपात बैठक बुलाई है। इस बैठक में संभावित बाढ़ की स्थिति से निपटने के लिए महत्वपूर्ण निर्णय लिए जा सकते हैं। नदी के बढ़ते जलस्तर को देखते हुए प्रशासन को हाईअलर्ट पर रखा गया है।
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यमुना नदी का जलस्तर दिल्ली में सोमवार सुबह 204.70 मीटर दर्ज किया गया जबकि खतरे का निशान 204.50 मीटर पर है। हथनीकुंड बैराज से 8 लाख क्यूसैक पानी छोड़े जाने के बाद जलस्तर और तेजी से बढ़ा है, बताया जा रहा है कि अभी जलस्तर और भी बढ़ सकता है। इस कारण निचले इलाकों में जलभराव की समस्या पैदा हो सकती है।
खतरे के निशान से ऊपर बह रही यमुना
खबर है कि हथनीकुंड बैराज से अभी और पानी छोड़ा जा सकता है। इसे देखते हुए सभी उप-विभागीय मजिस्ट्रेटों को सोमवार को दिल्ली पुलिस और नागरिक सुरक्षा स्वयं सेवकों की मदद से निचले इलाकों के लोगों को निकालने का निर्देश दिया गया है। बाढ़ जैसी स्थिति से निपटने के उपायों पर चर्चा के लिए रविवार को भी अधिकारियों की बैठक हुई थी। बता दें कि पिछले साल भी यमुना का जलस्तर 205.5 मीटर तक पहुंच गया था।