Video: साउथ ब्लॉक में अमेरिकी रक्षा मंत्री मार्क एस्पर को दिया गया गार्ड ऑफ ऑनर
नई दिल्ली। अमेरिकी रक्षा मंत्री मार्क एस्पर और विदेश मंत्री माइक पोंपेयो 2+2 वार्ता में शामिल होने के लिए दिल्ली पहुंच गए हैं। मार्क एस्पर को साउथ ब्लॉक में गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मार्क एस्पर का स्वागत किया। दोनों नेताओं के बीच साउथ ब्लॉक में एक मीटिंग भी हुई है।
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US आर्मी ऑफिसर रहे हैं मार्क एस्पर
मार्क एस्पर अमेरिकी सेना के ऑफिसर रह चुके हैं और अफगानिस्तान में भी तैनात रहे हैं। वह अमेरिका के 23वें रक्षा मंत्री हैं। विदेश मंत्री माइक पोंपेयो अपनी पत्नी सुसैन के साथ भारत आए हें। मंगलवार को दोनों देशों के बीच तीसरी 2+2 वार्ता होगी। अमेरिकी राष्ट्रपति चुनावों से पहले होने वाली इस वार्ता को एक अहम मुलाकात माना जा रहा है लेनिक भारत की तरफ से पिछले दिनों इस बात से इनकार कर दिया है कि वार्ता का चुनावों से कोई लेना-देना है। अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोंपेयो अपने भारतीय समकक्ष एस जयशंकर और अमेरिकी रक्षा मंत्री मार्क एस्पर अपने भारतीय समकक्ष राजनाथ सिंह के साथ बातचीत करेंगे। दोनों अमेरिकी नेता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजित डोवाल से भी मीटिंग करेंगे।
#WATCH Delhi: US Secretary of Defence Mark Esper being accorded Guard of Honour at South Block. He was received by Defence Minister Rajnath Singh
US Secretary of State Mike Pompeo & Defence Secretary Mark Esper are in India to participate in 3rd India-US 2+2 Ministerial Dialogue pic.twitter.com/JWLH0PDi5n
— ANI (@ANI) October 26, 2020
साइन हो सकता है BECA!
इस मीटिंग के दौरान मोदी सरकार, अमेरिका के साथ बेसिक एक्सचेंज एंड को-ऑपरेशन एग्रीमेंट (BECA) साइन कर सकती है। चीन के साथ जारी टकराव के बीच साइन होने वाले इस समझौते के बाद भारत को बड़ी मदद मिलने वाली है। इस समझौते के बाद भारत अमेरिका से जो MQ-9B ड्रोन खरीद रहा है वह अंतरिक्ष के डाटा का प्रयोग दुश्मन के अड्डों पर हमला करने के लिए कर सकेंगे। भारत और अमेरिका 26 और 27 अक्टूबर को जब टू प्लस मीटिंग के लिए मिलेंगे तो दोनों देशों के बीच बेका पर हस्ताक्षर करेंगे। बेका के साइन के बाद दोनों देशों के बीच जियो-स्पाशियल यानी अंतरिक्ष के क्षेत्र में सहयोग बढ़ेगा। बेका के तहत भारत को यह मंजूरी मिल सकेगी कि वह दुश्मन पर हमले के लिए क्रूज या फिर मिसाइल का प्रयोग अगर करता है तो अमेरिका के जियो मैप का प्रयोग कर सकेगा। इसकी वजह से सर्जिकल स्ट्राइक जैसे फैसलों में बड़ी सफलता मिल सकेगी। भारत और अमेरिका के बीच पहले ही तीन मौलिक समझौते हो चुके हैं। इन समझौतों के तहत दोनों देश पहले से ही एक-दूसरे के मिलिट्री संस्थानों का प्रयोग रि-फ्यूलिंग और आपूर्ति के लिए कर रहे हैं। इसके अलावा कम्युनिकेशन के समझौतों के बाद दोनों देश आपस में जमीन और हिंद-प्रशांत क्षेत्र में सैन्य जानकारियों को साझा कर रहे हैं।