जम्मू कश्मीर: पुलवामा में मोस्ट वॉन्टेड आतंकी जाकिर मूसा के जनाजे में पहुंचे 1,000 लोग
पुलवामा। गुरुवार को दक्षिण कश्मीर के पुलवामा में हुए एनकाउंटर में सुरक्षाबलों ने मोस्ट वॉन्टेड आतंकी जाकिर मूसा को ढेर कर दिया। त्राल में हुए एक एनकाउंटर में ढेर मूसा के जनाजे में फिर से पुलवामा के हजारों लोग उमड़े। पिछले कुछ समय से कश्मीर में इस ट्रेंड में गिरावट देखने को मिल रही थी। लेकिन मूसा की मौत के बाद लगता है कि घाटी में आतंकियों के जनाजे में भीड़ के इकट्ठा होने का ट्रेंड फिर बढ़ सकता है। मूसा की मौत के बाद घाटी में विरोध प्रदर्शनों का दौर शुरू हो चुका है और सुरक्षाबलों ने प्रदर्शनकारियों को जवाब देने के लिए कमर कस ली है।
स्कूल कॉलेज बंद, इंटरनेट ठप
कश्मीरी मीडिया की मानें तो करीब 1,000 लोग मूसा के जनाजे में शामिल हुए थे। वीडियो में नजर आ रहा है कि इन लोगों ने जनाजे वाली जगह पर आईएसआईएस के झंडे भी लहराए हैं। मूसा को दादसारा इलाके में ढेर किया गया है। मूसा की मौत के बाद फिर से घाटी में विरोध प्रदर्शनों का दौर शुरू हो गया है। जाकिर मूसा का असली नाम जाकिर राशि भट था और उसे हिजबुल का अगला कमांडर माना जा रहा था। संगठन के अंदर ही कुछ लोग उस पसंद नहीं करते थे और इन मतभेदों के चलते मूसा ने संगठन छोड़ दिया। सुरक्षा एजेंसियों को आशंका है घाटी में फिर से उसी तरह के हालात हो सकते हैं जैसे वानी की मौत के बाद हुए थे। सुरक्षा व्यवस्था के चलते स्कूल-कॉलेज बंद हैं और इंटरनेट भी ठप है। अभी तक यह साफ नहीं हो सका है कि मूसा के संगठन अंसार गजवात-उल-हिंद से कितने लोग जुड़े हुए हैं।
Kashmiri people shout slogans during the funeral of Zakir Musa at his native village in Tral area of #Pulwama district in south #Kashmir. pic.twitter.com/Sj16KrY1sb
— Bhat Burhan (@bhattburhan02) May 24, 2019
सुरक्षाबलों के लिए बड़ी सफलता
मूसा की मौत को सुरक्षाबलों के लिए बड़ी सफलता माना जा रहा है। लोकल मीडिया की ओर से उसकी मौत को सुरक्षाबलों की सबसे बड़ी जीत के तौर पर बताया जा रहा है। सेना की ओर से मूसा की मौत के बाद बयान जारी किया गया। इस बयान में कहा गया, 'ऑपरेशन ददासुर (पुलवामा) में एक आतंकी मारा गया है जिसकी पहचान जाकिर मूसा के तौर पर हुई है। मारे गए आतंकियों के पास से भारी मात्रा में हथियार बरामद हुए हैं। ऑपरेशन पूरा हो गया है।'मूसा, हिजबुल मुजाहिद्दीन के कमांडर बुरहान वानी का करीबी था। जुलाई 2016 में वानी को एनकाउंटर में ढेर किया गया। इसके बाद अगस्त में मूसा ने घाटी के लिए अल-कायदा के संगठन अंसार-गजवात-उल हिंद के साथ जुड़ने का ऐलान कर दिया।