Video: SFF के तिब्बती ऑफिसर को सैन्य सम्मान के साथ दी गई अंतिम विदाई, BJP के राम माधव ने भी श्रद्धांजलि
लेह। 30 अगस्त को भारत-चीन बॉर्डर पर लद्दाख में अपनी जिंदगी न्यौछावर कर देने वाले स्पेशल फ्रंटियर फोर्स (एसएफएफ) के ऑफिसर कंपनी लीडर न्यामा तेनजिंग का सोमवार को लेह में पूरे सैन्य सम्मान के साथ अंतिम संस्कार कर दिया गया। अगस्त माह के अंत में चीन की पीपुल्स लिब्रेशन आर्मी (पीएलए) के जवानों ने लद्दाख के चुशुल में घुसपैठ की थी। कंपनी लीडर न्यामा तेनजिंग के बलिदान ने भारत और तिब्बत के बीच कभी न टूट सकने वाले रिश्ते को और मजबूत कर दिया है।
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33 साल तक की भारत की सेवा
कंपनी लीडर तेनजिंग ने 33 साल तक भारत की सेवा की। 51 साल के कंपनी लीडर तेनजिंग 7 विकास के साथ तैनात थे और चुशुल के ब्लैक टॉप पर ऑपरेशन के दौरान वह शहीद हो गए थे। उनके अंतिम संस्कार के दौरान लोगों का भारी हुजूम मौजूद थे। भारत और तिब्बत यूं तो पिछले पांच दशक से एक साथ हैं लेकिन भारत की सीमाओं की रक्षा में तिब्बत के निवासी अपना सब-कुछ झोंक रहे हैं। यह साफ है कि तेनजिंग ने देश प्रेम और ड्यूटी के लिए समर्पण की जो मिसाल पेश की है, वह कई सदियों तक याद रखी जाएगी। 29-30 अगस्त की रात को चीन का सामना हुआ उन तिब्बती नागरिकों से लैस 7 विकास बटालियन से, जिसका कोड है 22। इस रेजीमेंट को इस्टैब्लिशमेट 2 2 कहते हैं और इसमें तिब्बत के निर्वासित नागरिकों को तरजीह दी जाती है।
BJP राष्ट्रीय महासचिव भी मौजूद
उनके अंतिम संस्कार पर भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के राष्ट्रीय महासचिव राम माधव भी मौजूद थे। राम माधव ने तस्वीरें ट्वीट करते हुए लिखा, 'एसएफएफ कंपनी लीडर न्यामा तेनजिंग, एक तिब्बती जिन्होंने अपनी जिंदगी लद्दाख में हमारी सीमाओं की रक्षा के लिए कुर्बान कर दी, आज उनके अंतिम संस्कार में शामिल हुआ। इतने बहादुर सैनिक का बलिदान भारत-तिब्बत बॉर्डर पर शांति लाने वाला हो। यही हमारी सभी शहीदों के लिए असली श्रद्धांजलि होगी।' लद्दाख में चीन बॉर्डर पर इस समय हालात बेहद तनावपूर्ण है। 29 और 30 अगस्त की रात चुशुल में चीन की पीपुल्स लिब्रेशन आर्मी (पीएलए) के साथ भारतीय सेना के जवानों की झड़प हुई। 15 जून को गलवान घाटी के बाद चुशुल में हुई इस घटना के बाद तनाव एक बार फिर चरम पर पहुंच गया।
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गर्दन में लगी गोली लगने की खबरें
तिब्बत के अखबार तिब्बत सन ने कुछ पुष्ट खबरों के हवाले से बताया है कि जिस समय कंपनी लीडर तेनजिन गश्त पर थे, उसी समय चीनी सेना की कार्रवाई में वह शहीद हो गए। उनके जूनियर जो तिब्बत के ही निवासी हैं, वह भी इस घटना में घायल हुए हैं। तिब्बत सन ने लिखा है कि कंपनी लीडर की गर्दन में गोली लगी और उन्होंने तुरंत ही दम तोड़ दिया। उनके 24 साल के जवान भी इस घटना में घायल हैं। अखबार ने लिखा है, 'तेनजिन, तिब्बती अवस्थान (सेटलमेंट) चोग्लामसार के रहने वाले थे। यह जगह लद्दाख की राजधानी लेह के करीब है। घायल जवान 24 साल के तेनजिंग लोदेन हैं।' अखबार के मुताबिक यह घटना शनिवार रात हुई है। हालांकि बताया जा रहा है कि लैंडमाइन ब्लास्ट में कंपनी लीडर तेनजिंग की मृत्यु हो गई थी।
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लोगों ने लगाए 'भारत माता की जय' के नारे
जिस समय कंपनी लीडर न्यामा तेनजिंग के शव को ले जाया जा रहा था, उस समय लोगों को 'भारत माता की जय' के नारे लगाते हुए सुना जा सकता था। अखबार तिब्बत सन ने बताया है कि दोनों सैनिक स्पेशल फ्रंटियर फोर्स (एसएफएफ) की 7 विकास बटालियन के साथ तैनात थे। इसे टू-टू के नाम से भी जाना जाता है। इस यूनिट का गठन तिब्बत के निर्वासित नागरिकों को शामिल करके किया गया है। शुरुआत में यह इंटेलीजेंस एजेंसी रॉ का हिस्सा था लेकिन अब भारतीय सेना का अंग है। 29 और 30 अगस्त को भारत ने चीन के उस प्रयास को विफल कर दिया है जिसमें पैंगोंग झील के दक्षिणी हिस्से पर कब्जे करने के मकसद से घुसपैठ की गई थी। तिब्बत के सैनिक उस समय थाकुंग पोस्ट के करीब थे और उन्होंने पीएलए के सैनिकों के निर्माण कार्य को रोक दिया था।