चीन पर नजर : 300 उत्पादों पर आयात शुल्क बढ़ाने या नियम सख्त करने की तैयारी-रिपोर्ट्स
नई दिल्ली- भारत, चीन और दूसरे देशों से आने वाले लगभग 300 उत्पादों पर आयात शुल्क बढ़ाने या आयात संबंधी नियमों को सख्त करने पर विचार कर रहा है। ऐसा इसलिए किया जा रहा है, ताकि घरेलू व्यापार को बढ़ावा दिया जा सके। लद्दाख की गलवान घाटी में जिस तरह से चीन के साथ तनाव चल रहा है, उसे देखते हुए इसे एक बड़ा कदम माना जा सकता है। हालांकि, जानकारी के मुताबिक मोदी सरकार इस तरह की योजना पर कम से कम अप्रैल महीने से ही विचार कर रही है और ये प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आत्मनिर्भर भारत अभियान और वोकल पर लोकल जैसे नारों के भी मुताबिक है।
इकोनॉमिक्स टाइम्स में छपी खबर के मुताबिक आयात शुल्क के नए ढांचे को आने वाले तीन महीनों में धीरे-धीरे अमलीजामा पहनाया जा सकता है। हालांकि, इसको लेकर चर्चा में शामिल वित्त और व्यापार मंत्रालय फिलहाल इसपर किसी तरह की टिप्पणी करने के लिए तैयार नहीं हैं। जानकारी के मुताबिक सरकार 160 से 200 उत्पादों पर आयात शुल्क में इजाफे पर विचार कर रही है और बाकी 100 से ज्यादा उत्पादों पर नॉन-टैरिफ बैरियर्स लगाने का इंतजाम सोच रही है, जैसे कि लाइसेंस की बाध्यता या गुणवत्ता की सख्ती से जांच आदि।
इस गतिविधि से जुड़े एक अधिकारी के मुताबिक सरकार का मकसद लगभग 800-1000 करोड़ अमेरिकी डॉलर के गैर-जरूरी या कम गुणवत्ता वाले आयात को कम करना है, ताकि देसी प्रोडक्ट को बढ़ावा मिल सके। एक अधिकारी के मुताबिक, 'हम किसी देश को निशाना नहीं बना रहे हैं, लेकिन चीन जैसे देश की तरह एकतरफा व्यापार घाटे को कम करने के लिए यह एक तरीका है।' बीते वित्त वर्ष में भारत-चीन का द्विपक्षीय व्यापार 8,800 करोड़ डॉलर का रहा, जबकि चीन के पक्ष में व्यापार घाटा मार्च के अंत तक 5,350 करोड़ डॉलर तक पहुंच गया। भारत के लिए किसी भी देश के मुकाबले यह सबसे ज्यादा व्यापार घाटा है।
इस मामले से जुड़े एक और जानकार के मुताबिक जिन चीजों पर आयात शुल्क बढ़ाने या आयात के नियम कड़े करने का विचार चल रहा है उसमें इंजीनियरिंग उत्पाद, इलेक्ट्रॉनिक्स और मेडिकल उपकरण शामिल हैं। बता दें कि कोरोना वायरस संकट और उसके चलते लॉकडाउन के बाद सरकार ने भारत में स्वदेशी उत्पाद को बढ़ावा देने के लिए आत्मनिर्भर भारत अभियान शुरू किया है और लगता है कि सरकार की तैयारी उस दिशा में पहले से ही चल रही है और गलवान घाटी के बाद इसे जल्द से जल्द लागू होने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता।
इसे भी पढ़ें- चीन से व्यापार बंद कर देने से भारत पर कितना असर पड़ेगा? जानिए