Video: मिलिए ISRO के गगनयान मिशन पर जाने वाली रोबोट व्योममित्र से
Recommended Video
बेंगलुरु। इंडियन स्पेस रिसर्च ऑर्गनाइजेशन (इसरो) के गगनयान मिशन पर इस समय सबकी नजरें टिकी हुई हैं। बुधवार को इसरो के एक वैज्ञानिक ने इस पर विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने बताया कि इस साल के अंत में गगनयान मिशन को लॉन्च किया जाएगा और इस मिशन पर एक रोबोट को भेजा जाएगा। इसरो चीफ की मानें तो अंतरिक्ष को बेहतर ढंग से समझने के लिए एक रोबोट 'व्योममित्र' को भी भेजा जाएगा। व्योममित्र एक ह्यूमनाइड है और यह इसरो के पहले अनमैन्ड मिशन गगनयान का अहम हिस्सा होगा।
जुलाई 2021 में भी भेजे जाएंगे ह्यूमनाइड
इसरो चीफ सिवन ने इस पर विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने बताया कि गगनयान के अंतिम मिशन से पहले दिसंबर 2020 और जुलाई 2021 में अंतरिक्ष में मानव जैसे रोबोट भेजे जाएंगे। यह इंसान जैसे दिखने वाले ह्यूमनॉइड रोबोट होंगे। अन्य देश ऐसे मिशन से पहले अंतरिक्ष में जानवरों को भेज चुके हैं। ह्यूमेनॉइड शरीर के तापमान और धड़कन संबंधी टेस्ट करेंगे। सिवन ने बताया कि गगनयान मिशन के लिए जनवरी के अंत में ही 4 चुने हुए एस्ट्रोनॉट्स ट्रेनिंग के लिए रूस भेजे जाएंगे। सिवन ने कहा कि गगनयान मिशन सिर्फ इंसान को अंतरिक्ष में भेजने का मिशन नहीं है। यह मिशन हमें आगे राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सहयोग जुटाने में मदद करेगा। उन्होंने कहा, 'हम जानते हैं कि वैज्ञानिक खोज, आर्थिक विकास, शिक्षा, तकनीकी विकास और युवाओं को प्रेरणा देना सभी देशों का लक्ष्य है। किसी भारतीय द्वारा अंतरिक्ष की यात्रा इन सभी प्रेरणाओं के लिए सबसे बेहतरीन प्लेटफॉर्म है।'
Half humanoid developed by ISRO for unmanned mission to outer space.#ISRO #Gaganyaan pic.twitter.com/ZBDcN5LKXk
— Jaydip Rathod (@jaydiprathod_) January 22, 2020
दो भाषाओं को जानती है व्योममित्र
इसरो के वैज्ञानिक सैम दयाल ने बतायागगनयान मिशन में इस रोबोट को एक महिला के रूप भेजा जा रहा है। सैम दयाल के मुताबिक यह एक मानव की तरह कार्य करेगा और हमें वापस रिपोर्ट भेजेगा। फिलहाल, हम इसे एक प्रयोग के रूप में कर रहे हैं। व्योममित्र नामक यह रोबोट हर तरह के काम को करने में सक्षम है और दो भाषाएं भी बोलती है। व्योममित्र को इस तरह से डिजाइन किया गया है कि वह लॉन्च और ऑर्बिटल दबाव को झेल सकती होगी। ह्यूमनॉइड एक तरह के रोबोट हैं, जो इंसान की तरह चल-फर सकते हैं और मानवीय हाव-भाव को भी समझ सकते हैं। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस प्रोग्रामिंग के जरिए ह्यूमनॉइड सवालों के जवाब भी दे सकते हैं। इसरो चीफ ने पिछले साल कहा था कि यह रोबोट पूरी तरह तैयार है। उन्होंने कहा था कि हम यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि यह मिशन इंसानों को भेजने और उन्हें सुरक्षित वापस लाने की हमारी क्षमता को प्रदर्शित करने से परे कई उद्देश्यों को पूरा करें।
Bengaluru: ISRO's half humanoid 'Vyommitra' to be placed in the first unmanned mission under #Gaganyaan to simulate most of the human body functions. Sam Dayal, ISRO scientist says, "It will try to simulate a human & report back to us. We are doing this as an experiment". pic.twitter.com/tikJJLierO
— ANI (@ANI) January 22, 2020