कोरोना वायरस: मालदीव से भारतीयों को निकालने के लिए रेडी इंडियन नेवी की वॉरशिप INS जलाश्व
माले। इंडियन नेवी ने कोरोना वायरस महामारी के बीच ही संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) और मालदीव में फंसे भारतीयों को निकालने के लिए तीन जहाज रवाना किए। इन तीन में से ही एक आईएनएस जलाश्व मालदीव की राजधानी माले के बंदरगाह पर पहुंच गया है। मालदीव स्थित भारतीय उच्चायोग की तरफ से बताया गया है कि आईएनएस जलाश्व रेडी है और जल्द ही भारतीयों को यहां से निकाला जाएगा। के अलावा आईएनएस मगर और आईएनएस शार्दुल को भी नेवी ने रवाना किया है। आईएनएस जलाश्व समेत तीनों वॉरशिप्स भारतीयों को लेकर कोच्चि पहुंचेंगे।
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हजारों भारतीयों को निकालेगा आईएनएस जलाश्व
विदेशों में फंसे भारतीयों को निकालने के लिए लॉन्च किए गए ऑपरेशन को इंडियन नेवी ने 'ऑपरेशन समुद्र सेतु' लॉन्च किया है। आईएनएस जलाश्व मालदीव से 1000 से ज्यादा भारतीयों को निकालेगा। इंडियन नेवी की तरफ से बताया गया है कि खाड़ी और अन्य देशों से भारतीय नागरिकों को निकालने के लिए कुल 14 वॉरशिप्स को रेडी रखा गया है। आईएनएस जलाश्व एक ट्रांसपोर्ट जहाज है और इसे नेवी के सबसे बड़े जहाज के तौर पर गिना जाता है। आईएनएस जलाश्व को अमेरिका से लिया गया है और इसे यूएसएस ट्रेनटॉन के नाम से भी जाना जाता है। अमेरिका ने आईएनएस जलाश्व के साथ छह सी किंग हेलीकॉप्टर्स को भारत के लिए निर्मित किया था।
मेडिकल सुविधाओं से लैस INS जलाश्व
भारत ने साल 2005 में 90 मिलियन डॉलर की लागत से इसे खरीदा था और साल 2007 में यह नेवी में कमीशंड हुई थी। आईएनएस जलाश्व पहला और इकलौता जहाज है जिसे अमेरिका से खरीदा गया था। फिलहाल इसका बेस ईस्टर्न नेवी कमांड विशाखापट्टनम में है। आईएनएस जलाश्व के फ्लाइट डेक पर छह से ज्यादा मीडियम हेलीकॉप्टर्स को ऑपरेट किया जा सकता है। इस जहाज पर 1,000 लोगों की क्षमता है और यह पूरी तरह से मेडिकल सुविधाओं से लैस है। इसमें चार ऑपरेशंस थियेटर्स, 12 बेड वॉर्ड, एक लैब और एक डेंटल सेंटर है।