Video: 14,000 फीट की ऊंचाई पर बर्फ में कबड्डी खेल रहे भारतीय जवानों ने दिया चीन को बड़ा संदेश
नई दिल्ली। पिछले दिनों ग्लोबल टाइम्स के एडीटर हू शिजिन की तरफ से बड़े बोल ट्विटर पर लिखे गए हैं। शिजिन का मानना है कि लद्दाख में जब सर्दियां शुरू होंगी तो बहुत से भारतीय जवानों की मृत्यु हो जाएगी। इसके साथ ही उन्होंने दावा किया कि जल्द ही पूर्वी लद्दाख में जारी टकराव का अंत भी हो जाएगा। इसके बाद से शिजिन को ट्विटर पर पूर्व सैनिक जमकर ट्रोल कर रहे हैं और उनके दावों की पोल खोल रहे हैं। अब शिजिन को एक ऐसे वीडियो के जरिए जवाब दिया गया है जिसमें भारतीय जवान बर्फ पर कबड्डी खेलते हुए नजर आ रहे हैं।
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चीनी एडीटर बोले, बच नहीं पाएंगे भारतीय
जो वीडियो इस समय ट्विटर पर शेयर किया गया है उसे ब्रिगेडियर (रिटायर्ड) सैंडी थापर ने अपने हैंडल पर सबसे पहले पोस्ट किया था। उन्होंने वीडियो को ट्वीट करते हुए लिखा, 'हमारे सैनिक 14,000 फीट की ऊंचाई पर बर्फ में कबड्डी खेल रहे हैं।' इसी वीडियो को 50 हजार से ज्यादा लोग देख चुके हैं। हू शिजिन ने अपनी ट्वीट में लिखा था, 'अगर भारतीय जवान पैंगोंग त्सो झील के दक्षिणी किनारे से नहीं हटते हैं तो फिर पीएलए उन्हें पूरी सर्दी टक्कर देगी। भारतीय जवानों के संसाधन बहुत खराब है और बहुत से भारतीय सैनिकों की मौत या तो खून जमा देने वाली सर्दी से हो जाएगी या फिर कोविड-19 से वह मर जाएंगे। अगर युद्ध हुआ तो फिर भारतीय सेना को तुरंत ही शिकस्त का सामना करना पड़ेगा।'
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'सैनिक कभी समझौता नहीं करता'
शनिवार को इंडियन आर्मी के आधिकारिक ट्विटर हैंडल @ADGPI की तरफ से भी एक ट्वीट कर शिजिन को जवाब दिया गया था। इस ट्वीट में लिखा था, 'सैनिक, जब किसी कार्य के लिए प्रतिबद्ध होता है, तो समझौता नहीं कर सकता। यह कर्तव्य और साहस के मानकों के प्रति वचनबद्धता है, राष्ट्र के प्रति पूर्ण निष्ठा है। उद्देश्य प्राप्ति ही हमारा एकमात्र लक्ष्य है।' सेना ने जो फोटोग्राफ अपने मैसेज के साथ पोस्ट की है उसमें सैनिकों को एक जमी हुई झील पर मोर्चे की तरफ बढ़ते हुए देखा जा सकता है। चीन के सरकारी अखबार हू शिजिन की तरफ से गुरुवार को ट्वीट किया गया था जिसमें उन्होंने सर्दी के मौसम में सेना को लेकर कई ऐसी बातें कहीं थीं, जिसके बाद अब पूर्व सैनिक चीनी मीडिया का मजाक उड़ा रहे हैं।
-50 डिग्री तापमान पर देश की सुरक्षा
लद्दाख में जब सर्दियां शुरू होती हैं तो तापमान -50 डिग्री तक चला जाता है और हवा भी 40 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चलती है। सेना के जवानों को अब उसी प्रकार के सुरक्षा उपकरण मिलने वाले हैं जो सियाचिन में तैनात ट्रूप्स के पास हैं। जहां शिजिन भारतीय सेना का मजाक उड़ा रहे थे तो वहीं चीन की सरकार लद्दाख में सर्दी का हवाला दे रही है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियान ने एक रेगुलर प्रेस ब्रीफिंग में कहा था, 'आप जानते हैं कि इस जगह पर प्राकृतिक स्थितियां बहुत ही खराब हैं और यह 4,000 मीटर से भी ज्यादा की ऊंचाई पर है। यह जगह इंसानों के रहने के लिए अच्छी नहीं है। ऐसे में हम उम्मीद करते हैं कि राजनयिक और मिलिट्री चैनल्स के जरिए और परामर्श के जरिए जल्द से जल्द डिसइंगेजमेंट का लक्ष्य हासिल हो सकेगा और हम किसी नतीजे पर पहुंच पाएंगे।'
हर हालात में रह सकते हैं भारतीय जवान
भारतीय सैनिक पूरे साल सियाचिन, कारगिल और लेह जैसी जगहों पर तैनात रहते हैं। ये देश के ऐसे इलाके हैं जहां पर तापमान -60 तक हो पहुंच जाता है। सिर्फ इतना ही नहीं सेना की माउंटेन ब्रिगेड ने पैंगोंग त्सो की ऊंचाईयों पर अपना नियंत्रण किया हुआ है। इस ब्रिगेड के सैनिकों को कश्मीर से लेकर सियाचिन तक के हालातों का अनुभव होता है। ब्रिगेड पहाड़ों पर लड़ने में महारत रखती है। पूर्व सैनिक हू शिजिन को ट्वीट को पीपुल्स लिब्रेशन आर्मी (पीएलए) का प्रपोगेंडा करार दे रहे हैं और उनका कहना है कि भारतीय सैनिकों के मंसूबे इससे कभी कमजोर नहीं हो सकते हैं।