Video: भारत-चीन बॉर्डर पर रातभर गश्त करते IAF के लड़ाकू विमान, हेलीकॉप्टर
नई दिल्ली। सोमवार को पूर्वी लद्दाख में एक छोटा ही सही मगर सकारात्मक कदम चीन की तरफ से उठाया गया है। यहां से पीपुल्स लिब्रेशन आर्मी (पीएलए) के जवानों ने पीछे हटना शुरू कर दिया है। लेकिन इसके बाद भी भारत की सेनाएं चौकस हैं और किसी भी तरह से चीन पर भरोसा करने के मूड में नहीं हैं। इस बात को ध्यान में रखते हुए सोमवार पूरी रात लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (एलएसी) पर इंडियन एयरफोर्स (आईएएफ) के हेलीकॉप्टर्स और फाइटर जेट्स गश्त करते रहे।
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भारत की सेनाएं पूरी तरह से अलर्ट
न्यूज एजेंसी एएनआई पर कुछ तस्वीरें और वीडियो इस बात का प्रमाण हैं कि किस तरह से बॉर्डर पर सेनाएं अलर्ट हैं। आईएएफ का हैवीलिफ्ट हेलीकॉप्टर चिनुक जहां लगातार फारवर्ड एयरबेस से रात भर उड़ान भरता रहा तो वहीं अटैक हेलीकॉप्टर अपाचे और फाइटर जेट मिग-29 भी रात भर ऑपरेशंस को अंजाम देते रहे।अधिकारियों का कहना है डिसइंगेजमेंट एक लंबी प्रक्रिया है जिसमें दोनों तरफ से अभी समय लगेगा। हर प्वाइंट पर मिलिट्री कमांडर्स जमीनी स्तर पर बातचीत कर रहे हैं। डोवाल और वाई के बीच रविवार को जो वार्ता हुई है वह स्पेशल रिप्रजेंटेटिवस (एसआर) मैकेनिज्म के तहत है। हालांकि विशेषज्ञों का कहना है कि अभी इस बात की पूरी जांच करनी होगी कि चीनी जवान किस तरह से वापस जा रहे हैं।
जून से लद्दाख में एक्टिव मोड में IAF
आर्मी ऑफिसर्स का कहना है कि गलवान घाटी, गोगरा और हॉट स्प्रिंग्स में तैनाती से चीनी सेना को कोई फायदा नहीं था। लेकिन पैंगोंग त्सो में चीनी सेना को बहुत बड़ा रणनीतिक फायदा था क्योंकि उन्होंने फिंगर 4 तक सड़क तैयार कर डाली थी। आईएएफ ने जून माह में अंदर जम्मू कश्मीर में स्थित एयरबेसेज से अपाचे के अलावा 15 हैवी लिफ्ट चिनुक चॉपर्स को लद्दाख पहुंचाया। अपाचे को दुनिया का सबसे खतरनाक हेलीकॉप्टर माना जाता है। इसमें फिट 30 एमएम की गन दो मिनट से भी कम समय में 1200 राउंड फायरिंग कर सकती है। इसके अलावा हेलीकॉप्टर 80 रॉकेट्स कैरी कर सकता है। साथ ही इसमें हेलफायर मिसाइल भी है जो रात के अंधेरे में भी टारगेट्स को पहचान कर उन्हें तबाह कर सकता है।