Video: कैसे लद्दाख में चीन बॉर्डर के करीब गरज रहा IAF का राफेल जेट
नई दिल्ली। भारत और चीन के बीच टकराव को जल्द ही 150 दिन पूरे होने वाले हैं। दोनों देशों की सेनाएं आमने-सामने हैं और कोर कमांडर वार्ता में इस टकराव का हल नहीं निकल पा रहा है। तमाम साजो-सामान और हथियारों के बीच इंडियन एयरफोर्स (आईएएफ) का राफेल जेट भी लद्दाख में लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (एलएसी) के करीब कदम रख चुका है। राफेल जेट लगातार लद्दाख में उड़ान भर रहे हैं। अब इसका वीडियो ट्विटर पर आया है और तेजी से वायरल हो रहा है।
यह भी पढ़ें-IAF की लेडी फाइटर पायलट भी उड़ाएंगी राफेल जेट!
Recommended Video
अंबाला से पहुंचा लद्दाख
रविवार रात राफेल जेट्स ने लद्दाख में चीन बॉर्डर के करीब सॉर्टीज को अंजाम दिया है। जो वीडियो सामने आया है उसमें आप देख सकते हैं कि कैसे लद्दाख की मुश्किल परिस्थितियों में उड़ान भर रहा है। आईएएफ सूत्रों की तरफ से इस बात की पुष्टि की गई है। यह जानकारी ऐसे समय में सामने आई है जब रविवार को इस बात की खबर आई थी कि इंडियन आर्मी ने लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (एलएसी) पर रणनीतिक तौर पर अहम छह चोटियों पर कब्जा कर लिया है। सूत्रों की तरफ से बताया गया है राफेल के पायलट अंबाला से लद्दाख तक राफेल को उड़ाकर ले गए थे। इस मिशन का मकसद लद्दाख के ऑपरेशनल एनवॉयरमेंट को परखना था। आईएएफ के पास इस समय पांच राफेल जेट्स हैं और ये पूरी तरह से ऑपरेशनल हैं।
|
हर मिशन के लिए रेडी है राफेल
अधिकारियों के मुताबिक इस समय चीन के साथ जारी टकराव के दौरान भी ये जेट्स किसी भी मिशन को सफलतापूर्वक पूरा कर सकते हैं। 10 सितंबर को ही अंबाला में इन जेट्स को औपचारिक तौर पर आईएएफ में शामिल किया गया है। उस समय आईएएफ चीफ, चीफ एयरमार्शल आरकेएस भदौरिया ने स्पष्ट कर दिया था कि राफेल किसी भी मुश्किल स्थिति में मिशन के रेडी हैं। चीफ एयर मार्शल आरकेएस भदौरिया के मुताबिक राफेल जेट्स भारत की जरूरत के हिसाब से उड़ान भर चुके हैं। ये जेट्स वर्तमान परिस्थितियों में बेहतर नतीजे देने में पूरी तरह से सक्षम हैं। 29 जुलाई को पांच राफेल जेट का पहला बैच अंबाला एयरफोर्स स्टेशन पहुंचा था और ये जेट्स इस समय 17 ग्लोडन एरो स्क्वाड्रन का हिस्सा हैं।
अक्टूबर में आने वाला है एक और बैच
अक्टूबर में राफेल जेट का एक और बैच फ्रांस से भारत आएगा। आईएएफ को साल 2021 तक सभी 31 राफेल जेट्स मिल जाएंगे। अंबाला के अलावा जेट्स को पश्चिम बंगाल के हाशिमारा में भी तैनात किए जाएंगे।मीटियोर बियॉन्ड विजुअल रेंज एयर-टू-एयर मिसाइल के अलावा स्कैल्प एयर-टू-ग्राउंड सिस्ट से लैस पांच राफेल जेट इस समय हिमाचल की मुश्किल पहाड़ियों में अभ्यास किया था। सूत्रों की मानें तो अगर लद्दाख में हालात बिगड़े तो भी राफेल रेडी हैं।अक्टूबर और दिसंबर माह में कुछ और राफेल आने वाले हैं। भारत और फ्रांस के बीच साल 2016 में 36 राफेल की डील हुई थी। साल 2021 तक सभी राफेल पूरी तरह से वायुसेना का हिस्सा बन जाएंगे।
चीन के J-20 से कहीं आगे है राफेल
भारत पहुंचने से पहले ही आईएएफ ने साफ कर दिया था कि पायलट, ग्राउंड क्रू और फाइटर जेट, भारत पहुंचते ही ऑपरेशन के लिए रेडी हो जाएंगे। राफेल को गेम चेंजर कहा जा रहा है और पूर्व आईएएफ चीफ चीफ एयर मार्शल (रिटायर्ड) बीएस धनोआ ने उसे यह टाइटल दिया था। विशेषज्ञों की मानें तो राफेल एक 4.5 पीढ़ी का एयरक्राफ्ट है लेकिन इसके बाद भी राफेल इतना क्षमतावान है कि वह चीन के प्रीमियर जेट जे-20 को ढेर कर सकता है। राफेल को अफगानिस्तान, लीबिया और सीरिया जैसी मुश्किल जगहों में भी प्रयोग किया जा चुका है। राफेल एक बार में एक साथ चार मिशन को अंजाम दे सकता है।