VIDEO: बेदर्द दिल्ली ने मतिबुल को दी दर्दनाक मौत, लेकिन कुछ सवाल आपसे भी
नयी दिल्ली। दिल्ली का एक ऐसा चेहरा सामने आया है जिसके के सीने में आह और दर्द नहीं है। जो वीडियो हम आपको दिखाने जा रहे है उसे देखकर आप मान लेंगे कि यहां इंसानियत दफ्न हो चुकी है। 90 मिनट तक मतिबुल सड़क पर तड़पता रहा, मदद मांगते रहा, लेकिन किसी से उसकी मदद नहीं की। लोग करीब से आते रहे-जाते रहे,लेकिन किसी ने उसे एक बूंद पानी तक नहीं दी।
मदद और पानी तो दूर किसी ने 100 नबंर पर फोन कर पुलिस को जानकारी देने तक की कोशिश नहीं की। हद तो तब हो गई जब उसकी मदद करने के बजाए उसका मोबाईल फोन उठा ले गया। मतिबुल की किसी ने मदद नहीं की यहां कि उसने दम तोड़ दिया।
सड़क हादसों में घायलों की करेंगे मदद तो दिल्ली सरकार देगी कैश ईनाम
बंगाल का रहना वाला मतिबुल अपने गरीब परिवार को पालने के लिए दो-दो नौकरियां करता था। तिहाड़ जेल के पास वो एक छोटे से किराए के मकान में रहता था, ताकि अधिक से अधिक पैसा बचा सके और परिवार को भेज सके। लेकिन उसे पता नहीं था कि वो जल्द ही अपने परिवार को अनाथ छोड़कर चला जाएगा।
मंगलवार की रात अपनी नाईट ड्यूटी खत्म कर घर लौट रहा था कि लापरवाही से टेम्पो चला रहे ड्राइवर ने उसे टक्कर मार दी। करीब एक घंटे तक वो सड़क पर पड़ा रहा। लेकिन राहत चलते किसी भी इंसान ने उसकी मदद की कोशिश नहीं की। बेबस मतिबुल दिल्ली के बेदर्द हकीकत और उसके असली चेहरे को बेनकाब करके इस दुनिया को छोड़ गया।
मतिबुल की मौत के बाद उसके परिवार को कोई सहारा नहीं है। परिवार कैसे चलेगा इसका किसी को कुछ नहीं पता। लेकिन दिल्ली सरकार ने एक पॉलिसी का ऐलान जरूर कर दिया। दिल्ली सरकार ने हादसे के शिकार लोगों की मदद करने वाले को ईनाम देने का ऐलान किया है।
लेकिन हादसे के वीडियो के सामने आने के बाद सवाल यहीं उठता है कि क्या सच में इसानियत मर गई है? आखिर क्यों मरते हुए इंसान की मदद को कोई आगे नहीं आना चाहता? क्या पुलिस की कार्रवाई और पूछताछ से लोग इतना डरते हैं कि वो इंसान को मरते हुए छोड़ देते हैं? सवाल आपसे है, क्या हम इतने स्वार्थी हो गए हैं कि थोड़ी सी परेशानी से बचने के लिए इंसान को मरते हुए छोड़ देते हैं। क्या मतिबुल की मौत के जिम्मेदार आप नहीं हैं? एक बार इन सवाल पर गौर जरूर करिएगा। जवाब आपको खुद ब खुद मिल जाएगा।