Video: चीन के राजदूत ने जारी किया वीडियो, भारत को याद दिलाए 2000 साल के 'दोस्ताना' रिश्ते
नई दिल्ली। भारत में चीन के राजदूत सन विडोंग की तरफ से एक वीडियो ट्विटर पर पोस्ट किय गया है। इस वीडियो में उन्होंने कहा कि दोनों देशों के बीच कोई दुश्मन नहीं है, बल्कि दोस्ती के संबंध हैं। विडोंग की मानें तो दोनों देशों के लोग आपस में दोस्ती चाहते हैं। एक के बाद एक वीडियो पोस्ट कर विंडोंग ने कहा है कि भारत और चीन के बीच सीमा विवाद इतिहास का एक हिस्सा है। उनकी मानें तो यह मसला बहुत ही संवेदनशील और जटिल है।
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चीन और भारत साझेदार
राजदूत सन विडोंग ने कहा, '15 जून को पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में भारत और चीनी सैनिकों के बीच जो हुआ ऐसी स्थिति के बारे में दोनों में से किसी देश ने भी नहीं सोचा था। पांच जुलाई को इस मामले में चीन के विदेश मंत्री वांग यी और भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहाकार (एनएसए) अजित डोवाल के बीच फोन पर बातचीत हुई थी। दोनों राजनयिकों ने सीमा पर जारी गतिरोध को कम करने को लेकर सहमति जताई थी। वर्तमान में हमारे फ्रंटलाइन ट्रूप्स मिलिट्री कोर कमांडर लेवल पर सीमा पर जारी गतिरोध कम करने की कोशिश में लगे हैं।' इसके बाद राजदूत विडोंग ने कहा, 'गलवान घाटी में जो कुछ भी हुआ उसे लेकर भारत में कुछ नेताओं ने ऐसी बातें कही हैं जो दोनों देशों के बीच द्वपक्षीय संबंधों में बाधा डालने वाली हैं। चीन और भारत साझेदार है, ना की दुश्मन, दो हजार सालों से भी अधिक समय से हमारे दोस्ताना संबंधों का आदान प्रदान रहा है।'
चीनी एप्स पर क्या बोले राजदूत
उन्होंने वीडियो में यह भी कहा है कि दोनों देशों को कोरोना संकट से मिलकर लड़ना चाहिए। उनके मुताबिक यह मुश्किल का समय है और हमें एक दूसरे की मदद करनी चाहिए। सन विडोंग ने कहा, 'दोनों देश इस समय कोरोना जैसे संकट से लड़ रहे हैं। हमें इस युद्ध में कंधे से कंधा मिलाकर लड़ना चाहिए।' भारत की तरफ से पिछले दिनों चीन की 59 एप्स पर बैन लगाया है। गलवान घाटी घटना के बाद भारत ने प्रतिक्रियात्मक तौर पर यह फैसला लिया। इस पर विडोंग ने कहा, 'दोनों देश व्यापार में हैं और चीन द्वारा भारत में मोबाइल, घरेलू उपकरण और बुनियादी ढांचे और ऑटोमोबाइल विनिर्माण जैसे उद्योगों को बढ़ावा दिया है और बहुत सारे रोजगार पैदा किए हैं। कुछ लोग 'मेड इन चाइना' को पूरी तरह से बाहर करने के लिए भारत-चीन आर्थिक और व्यापारिक संबंधों को अलग होने का ढिंढोरा पीट रहे हैं।' राजदूत के मुताबिक यह न सिर्फ चीनी कंपनियों बल्कि उन उपभोक्ताओं के लिए अनुचित है जो उत्पादों तक पहुंच प्राप्त नहीं कर सकते हैं।