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Video: माइनस 60 डिग्री वाले सियाचिन में ऐसे रहते हैं हमारे जवान, हथौड़े से भी नहीं टूटते अंडे

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Siachen Indian Soldiers का VIRAL VIDEO, ठंड से मजबूर होकर Hammer से तोड़ रहे Eggs | वनइंडिया हिंदी

श्रीनगर। दुनिया का सबसे ऊंचा वॉर जोन सियाचिन जहां पर देश के बहादुर सैनिक हर खराब परिस्थिति का सामना करते हुए भी हर पल सुरक्षा में तैनात हैं। 20,000 फीट से भी ज्‍यादा की ऊंचाई वाले इस वॉर जाने से एक वीडियो सामने आया है। इस वीडियो के जरिए यहां पर तैनात जवानों ने यह दिखाने की कोशिश की है कि जब तापमान -60 डिग्री से भी नीचे चला जाता है तो लाख कोशिशें करने के बाद हथौड़ी से भी अंडा नहीं टूट पाता है। सिर्फ अंडा ही नहीं जूस तक जमकर पत्‍थर हो जाता है और सब्जियों का भी यही हाल रहता है। आप एक बार को वीडियो देखकर हंस सकते हैं लेकिन वीडियो देखकर आप समझ सकते हैं कि हर मिनट यहां पर तैनात सैनिकों को किस तरह के हालातों से निबटना होता है।

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जमीन पर पटकने के बाद भी नहीं टूटा अंडा

वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। इस वीडियो में तीन सैनिक हैं जिनके पास जूस, कुछ अंडे और सब्जियां हैं। वीडियो में सबसे पहले एक सैनिक जूस का बॉक्‍स हाथ में लेता है जो बिल्‍कुल किसी आइसक्रीम की ब्रिक जैसा नजर आ रहा है। पत्‍थर की तरह जम चुके इस जूस को पहले हथौड़े से तोड़ने की कोशिशें की जाती हैं। लेकिन इसके बाद भी वह उसी हालत में रहता है। एक और जवान जूस की ब्रिक को तोड़ने की कोशिश करता है, लेकिन वह भी नाकामयाब रहता है। इसके बाद सैनिक अंडों को तोड़ने की कोशिश करता है। एक सैनिक पहले तो पूरी ताकत लगा कर अंडे को पटकता है लेकिन उसे कुछ नहीं होता है। इस पर साथी जवान मजाक में कहता है, 'आपको ग्‍लेशियर पर इस तरह के अंडे मिलेंगे।' इसके बाद इसी तरह से प्‍याज, टमाटर, अदरक और आलू को भी तोड़ने की कोशिश की जाती है और नतीजा वही रहता है।

दाल चावल तक बनाना मुश्किल

दाल चावल तक बनाना मुश्किल

पास में खड़ा एक और सैनिक इस पर कहता है, 'यहां पर तापमान -70 डिग्री से भी नीचे चला जाता है। जिंदगी यहां पर बिल्‍कुल नर्क है।' इन सैनिकों के पीछे इनका कैंप साफ नजर आ रहा है। इस वीडियो को ट्विटर, फेसबुक और व्‍हाइट्स एप पर शेयर किया गया है। एक ट्विटर यूजर ने लिखा, 'सियाचिन में जिंदगी किसी की कल्‍पना से भी ज्‍यादा मुश्किल है। जिस समय तापमान -30 से -40 डिग्री नीचे तक चला जाता है, उस समय दाल चावल बनाने में भी पसीने छूटने लगते हैं।'

करीब 20,000 फीट की ऊंचाई पर बेस कैंप

करीब 20,000 फीट की ऊंचाई पर बेस कैंप

सियाचिन का बेस कैंप करीब 20,000 फीट की ऊंचाई पर है। यह दुनिया का सबसे ठंडा और सबसे ऊंचा वॉरफील्‍ड है। हिमस्‍खलन और भूस्‍खलन जैसी प्राकृतिक आपदाएं यहां पर बहुत ही आम बात है। 13 अप्रैल 1984 को पाक ने 33,000 वर्ग किमी तक फैले इस इलाके पर कब्‍जे की कोशिश की और अपने सैनिकों को भेजना शुरू कर दिया। इसके बाद भारत की सरकार नींद से जागी और फिर इंडियन आर्मी ने पाक सैनिकों को खदेड़ने के लिए ऑपरेशन मेघदूत लांच किया।

पिछले तीन दशकों से जंग का मैदान

पिछले तीन दशकों से जंग का मैदान

कश्‍मीर से अलग सियाचिन भारत और पाकिस्‍तान के बीच पिछले तीन दशकों से जंग का मैदान बना हुआ है। यहां पर सेनाओं का तैनात रखने के मकसद से अब तक‍ दोनों देश करीब 600 अरब रुपए से ज्‍यादा खर्च कर चुके हैं। एक रिपोर्ट के मुताबिक भारत इस जगह पर एक दिन में करीब 10 करोड़ रुपए खर्च करता है। वर्ष 2003 में पाकिस्तान ने भारत से सीजफायर संधि की। इसके बाद से ही यहां पर शांति है। लेकिन इंडियन आर्मी ने किसी भी मुश्किल स्थिति से निबटने के लिए यहां पर अपने 3,000 सैनिकों को तैनात कर रखा है।

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English summary
Watch: its -60 degrees Siachen and even a hammer can not break eggs see the soldiers' demo.
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