नवाज शरीफ और भारत के बिजनेस टायकून जिंदल की सीक्रेट मीटिंग का नतीजा पुंछ की घटना
पिछले दिनों भारतीय बिजनेस टायकून सज्जन जिंदल ने की थी पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ से मुलाकात। इस मुलाकात के तुरंत बाद ही पाकिस्तान सेना ने पुंछ की घटना को अंजाम दिया।
नई दिल्ली। पाकिस्तान की सेना इस बात से इंकार करती रहे कि पुंछ की कृष्णा घाटी में उसने दो भारतीय जवानों के सिर कलम नहीं किए हैं, लेकिन उसका रिकॉर्ड अलग ही हकीकत को बयां करता है। यह हमला पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ और भारत के बिजनेस टायकून सज्जन जिंदल की मुलाकात के बाद हुआ है।
पीएम मोदी की लाहौर यात्रा और पठानकोट
दिसंबर 2015 में जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के बुलावे पर लाहौर गए तो उसके बाद पठानकोट आतंकी हमला हो गया। उस समय ही यह बात कहीं न कहीं समझ आ गई थी कि पाकिस्तान की सेना कभी भी भारत और पाकिस्तान के बीच शांति प्रक्रिया को आगे नहीं बढ़ने देगी। पिछले हफ्ते सज्जन जिंदल और पीएम नवाज शरीफ की एक सीक्रेट मीटिंग हुई। कहा गया कि पाकिस्तान के हिल स्टेशन मुरी में हुई इस मुलाकात में जिंदल की ओर से पाक पीएम नवाज को पीएम मोदी का एक सीक्रेट मैसेज दिया गया। पाकिस्तान की सेना इस बात को लेकर कभी खुश नहीं रहती है कि पीएम शरीफ हमेशा भारत के लिए नरम रवैया रखते हैं।
वाजपेई की लाहौर यात्रा और कारगिल
पाक पीएम नवाज ने हमेशा से भारत के साथ द्विपक्षीय संबंधों की वकालत की है और हर बार मिलिट्री को यह बात नागवार गुजरी है। जैसे ही शरीफ इस दिशा में कोई कदम उठाते हैं सेना की ओर से कोई न कोई अड़ंगा डाल दिया जाता है। पठानकोट हमला इसका सबसे बड़ा उदाहरण है। विशेषज्ञों की मानें तो सोमवार की घटना जिंदल और शरीफ के बीच हुई मुलाकात से चिढ़ का नतीजा है। पठानकोट आतंकी हमले और सर्जिकल स्ट्राइक ने दोनों देशों के बीच रिश्तों को और तल्ख कर दिया है। जिंदल और नवाज की मीटिंग से सेना खुश नहीं है। यह पहला मौका नहीं है जब भारत और पाक के पीएम के बीच मुलाकात का सेन ने इस तरह से विरोध किया हो। वर्ष 1999 में जब तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई लाहौर गए और दोनों के बीच लाहौर समझौता हुआ तो पाकिस्तान ने भारत को कारगिल की जंग तोहफे में दी थी।