हरसिमरत बादल को अपने ही चुनाव क्षेत्र में घुसने से किसने रोका?
नई दिल्ली- पंजाब में सत्ताधारी कांग्रेस और शिरोमणि अकाली दल (SAD) के बीच चुनावी लड़ाई चरम पर है। विपक्ष आरोप लगा रहा है कि राज्य सरकार असमाजिक तत्वों को उनकी चुनावी रैलियों में बाधा डालने से रोकने के लिए कुछ भी नहीं कर रही है। जबकि, मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह (Captain Amarinder Singh) ये सफाई देकर बच निकलने की कोशिश कर रहे हैं कि शिरोमणि अकाली दल (SAD) के नेताओं को उनके 'कर्मो' के चलते जनता के गुस्से का सामना करना पड़ रहा है।
चुनावी रैली में बाधा डालने पर भड़कीं हरसिमरत
केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल (Harsimrat Kaur Badal) का आरोप है कि असामाजिक तत्व उनकी चुनावी रैलियों को बाधित करने की कोशिश कर रहे हैं। उनका आरोप है कि "असामाजिक तत्वों को उनकी चुनाव सभाओं को बाधित करने और काले झंडे दिखाने " से रोकने में पुलिस नाकाम रही है। इसके खिलाफ वो बठिंडा (Bathinda) में मौर-रामपुरा रोड पर धरने पर भी बैठीं। उन्होंने अपने चुनाव क्षेत्र बठिंडा के बालियांवाली गांव में चुनाव सभा के दौरान काले झंडे दिखाए जाने पर भी नाराजगी जाहिर की। शनिवार को मंडी कलां गांव में भी उन्हें ऐसे ही विरोध का सामना करना पड़ा।
मुख्यमंत्री ने हरसिमरत के आरोपों पर दी ये दलील
मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह (Captain Amarinder Singh) ने हरसिमरत कौर बादल (Harsimrat Kaur Badal) के आरोपों पर पलटवार करते हुए कहा है कि 'बादल को उनके निर्वाचन क्षेत्र के एक गांव में जाने से रोक देना उनके 'कर्म' का नतीजा है, जिन्होंने अपने 10 साल के कुशासन में लोगों को खून के आंसू रुलाया है।' सीएम ने हरसिमरत के चुनाव अभियान को बाधित करने के लिए सरकारी मशीनरी के दुरुपयोग के आरोपों पर कहा कि अकाली नेताओं को अपनी ही गलतियों का खामियाजा भुगतना पड़ रहा है। अमरिंदर ने आरोप लगाया कि केंद्रीय मंत्री बनने के बाद हरसिमरत ने पंजाब (Punjab) और बठिंडा (Bathinda)के लिए कुछ नहीं किया है, जिससे स्वाभाविक तौर पर लोगों में उनके खिलाफ नाराजगी है।
पंजाब में अंतिम दौर में है वोटिंग
पंजाब की सभी 13 लोकसभा सीटों पर 19 मई को वोटिंग होनी है। यहां पर आमतौर पर त्रिकोणीय मुकाबले की संभावना बन रही है, जिसमें राज्य में सत्ताधारी कांग्रेस,एनडीए (NDA) और आम आदमी पार्टी (AAP) शामिल हैं। कांग्रेस के नेता सैम पित्रोदा ने हाल ही में 84 के सिख-विरोधी दंगों (Anti-Sikh Riots) को लेकर एक बेहद विवादास्पद बयान दिया है, जिसको लेकर एनडीए कांग्रेस पर बहुत ज्यादा हमलावर है और इसलिए कांग्रेस और एसएडी लड़ाई बढ़ गई है।
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