'चक्रवात' का खतरा, अरब सागर में सक्रिय 2 तूफान, गुजरात में जारी हुई एडवाइजरी, मुंबई को खतरा नहीं
नई दिल्ली। पिछले हफ्ते ओडिशा और पश्चिम बंगाल में आए चक्रवाती तूफान 'अम्फान' ने जबरदस्त तबाही मचाई थी, इस तूफान की वजह से पश्चिम बंगाल में 85 लोगों की मौत हो गई थी और करोड़ों का आर्थिक नुकसान भी हुआ, बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने कहा था कि ये कोरोना से भी भारी तूफान था, जिसने राज्य को काफी नुकसान पहुंचाया है, इस तबाही से अभी देश उबर भी नहीं पाया था कि एक और चक्रवाती तूफान की आहट ने लोगों को दहशत में ला दिया है।
गुजरात में भारी बारिश की आशंका
दरअसल भारतीय मौसम विभाग ने जानकारी दी है कि अरब सागर के निकट सक्रिय साइक्लोनिक सिस्टम के तीन दिन बाद चक्रवात में बदलने की संभावना है, खास बात ये है कि दो दिन पहले एक निजी एजेंसी ने चक्रवात की संभावना जताई थी, लेकिन मौसम विभाग की ओर से इस बारे में कुछ नहीं कहा गया था लेकिन इस बार मौसम विभाग ने बताया कि अरब सागर में साइक्लोनिक सर्कुलेशन सिस्टम वेस्ट सेंट्रल और साउथ वेस्ट पर बन रहा है जो कि 29 मई को सिस्टम से लो प्रेशर पैदा होगा और इसके 48 घंटे बाद डिप्रेशन में बदल सकता है और चक्रवात का रूप धारण कर सकता है और अगर ऐसा हुआ तो सौराष्ट्र और साउथ गुजरात में भारी बारिश की आशंका है।
चक्रवात को लेकर एडवाइजरी जारी
चक्रवात के मद्देनजर मौसम विभाग की ओर से 5 दिनों की एडवाइजरी जारी की गई है और कहा है कि दक्षिण गुजरात, मध्यगुजरात और सौराष्ट्र में तेज हवाओं के साथ भारी बारिश की संभावना है इसलिए लोगों को अलर्ट किया गया है, आईएमडी ने आज से लेकर अगले पांच दिनों तक के लिए भारी बारिश की बात कही है।
एक नहीं दो तूफान का खतरा
आईएमडी ने कहा कि गुजरात पर एक नहीं दो तूफान का खतरा मंडरा रहा है, विभाग के मुताबिक पहला तूफान 1 से 3 जून के बीच और दूसरा तूफान 6 जून को आने की संभावना है। अगर 1- 3 जून के बीच तूफान आता है, तो तूफान की गति लगभग 110 किमी / घंटा के आस-पास होगी जो कि सौराष्ट्र , पोरबंदर, जूनागढ़, अमरेली, राजकोट और भावनगर जिलों को प्रभावित करेगी, जबकि 6 जून वाला तूफान गुजरात और महाराष्ट्र दोनों राज्यों को प्रभावित करेगा लेकिन ताजा अपडेट में कहा गया है कि ये तूफान मुंबई को प्रभावित नहीं करेगा लेकिन महाराष्ट्र राज्य के कई जिलों में भारी बारिश हो सकती है।
क्यों आते हैं 'चक्रवात'?
पृथ्वी के वायुमंडल में हवा होती है, समुद्र के ऊपर भी जमीन की तरह ही हवा होती है, हवा हमेशा उच्च दाब से निम्न दाब वाले क्षेत्र की तरफ बहती है. जब हवा गर्म हो जाती है तो हल्की हो जाती है और ऊपर उठने लगती है, जब समुद्र का पानी गर्म होता है तो इसके ऊपर मौजूद हवा भी गर्म हो जाती है और ऊपर उठने लगती है. इस जगह पर निम्न दाब का क्षेत्र बनने लग जाता है, आस पास मौजूद ठंडी हवा इस निम्न दाब वाले क्षेत्र को भरने के लिए इस तरफ बढ़ने लगती है. लेकिन पृथ्वी अपनी धुरी पर लट्टू की तरह घूमती रहती है, इस वजह से यह हवा सीधी दिशा में ना आकर घूमने लगती है और चक्कर लगाती हुई उस जगह की ओर आगे बढ़ती है, इसे चक्रवात कहते हैं।