आतंक पर काबू पाने के लिए अमेरिकी स्टाइल अपनानी होगी, बोले सीडीएस जनरल विपिन रावत
नई दिल्ली। चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) जनरल बिपिन रावत ने आतंकवादके मसले पर पाकिस्तान का नाम लिए बिना उस पर हमला बोला है। इसके साथ ही उन्होंने कहा है कि अगर आतंकवाद को खत्म करना है तो फिर वही करना होगा, जो अमेरिका ने 9/11 के बाद किया था। जनरल रावत ने गुरुवार को यह बयान रायसीना डायलॉग के दौरान कही। जनरल रावत ने इस दौरान कार्यक्रम में पाकिस्तान का नाम लिए बिना उस पर हमला बोला है।
अमेरिका की राह पर चलने की वकालत
जनरल रावत ने कहा, 'आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई कहीं खत्म होती नजर नहीं आ रही है। यह एक ऐसी चीज है जो आने वाले समय में भी जारी रहेगी और हमें इसके साथ ही रहना होगा।' जनरल रावत ने इसके बाद कहा कि जब तक हम नहीं समझत और आतंकवाद की जड़ों तक नहीं पहुंचते, इसके साथ ही रहना होगा। इसके बाद उन्होंने कहा, 'हमें आतंकवाद को खत्म करना होगा और यह तभी हो पाएगा जब हम वही करें जो अमेरिका ने 9/11 के बाद किया था।' जनरल रावत के मुताबिक अमेरिका ने इन हमलों के बाद आतंकवाद पर पूरी दुनिया में लड़ाई छेड़ दी थी।
क्या किया था अमेरिका ने
11 सितंबर 2001 को अमेरिका पर हुए आतंकी हमलों ने दुनिया को हिलाकर रख दिया था। इन हमलों ने पश्चिमी देशों को आतंकवाद के उस चेहरे से रूबरू कराया जिसे पहचानने से हर किसी ने इंकार कर दिया था। अमेरिकी फौजें साल 2001 में हमलों के बाद अल कायदा और तालिबान को खत्म करने के लिए अफगानिस्तान में दाखिल हुई थीं। मई 2011 में अमेरिका ने जब 'ऑपरेशन जेरेनिमो' के तहत पाकिस्तान में छिपे अल कायदा के सरगना और खूंखार आतंकी ओसामा बिन लादेन को खत्म किया तब सांस ली। लादेन के मारे जाने के बाद अल कायदा पूरी तरह से टूट गया।
पाकिस्तान को ब्लैकलिस्ट करने की मांग
जनरल रावत ने कहा कि इस पर लगाम लगाने का बस एक ही तरीका है कि इसे पूरी तरह से अलग-थलग कर दिया जाए। जनरल रावत के शब्दों में, 'हमें आतंकवाद को अलग-थलग करने की जरूरत है। आप उन देशों को साथ नहीं रख सकते हैं जो आतंकवाद की लड़ाई में तो आपके साथ होने की बात कहती हैं मगर दूसरी तरफ वह इसका समर्थन भी करती हैं।' जनरल रावत की मानें तो इसके लिए एक अंतरराष्ट्रीय संदेश देशों को जाना चाहिए जैसे कि एफएटीएफ में देश को ब्लैकलिस्ट करना।
पीड़ित बताकर बचने की नीति का विरोध
जनरल रावत की मानें तो यह सिर्फ पाकिस्तान ही नहीं बल्कि हर उस देश के लिए जो आतंकवाद का समर्थन करते हैं। जनरल ने कहा कि जो भी देश आतंकवाद का समर्थन करते हैं, उन्हें इस बात को स्वीकार करना होगा। वह इस बात से मुकर नहीं सकते हैं और न ही हर बार खुद को पीड़ित बताकर इससे बच सकते हैं। जनरल रावत के मुताबिक आतंकवाद तब तक दुनिया में रहेगा जब तक इसका समर्थन करने वाले देश दुनिया में मौजूद हैं।