Voter Id से जुड़ेगा Aadhaar, चुनाव आयोग को कानूनी अधिकार देगी सरकार
नई दिल्ली। वोटर आईडी को आधार कार्ड से जोड़ने का रास्ता साफ होता दिखाई दे रहा है। आधार कार्ड से वोटर आईडी को जोड़ने के चुनाव आयोग के प्रस्ताव पर कानून मंत्रालय ने सहमति जता दी है। चुनाव आयोग लगातार सरकार से मांग करता रहा है कि आधार कार्ड से वोटर आईडी को जोड़ने की अनुमति दी जाए। आयोग का मानना है कि आधार कार्ड से वोटर आईडी को जोड़ने से डुप्लीकेट वोटर कार्ड के मामलों में कमी आएगी। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, सरकार इससे संबंधित कानून में बदलाव करने जा रही है।
कानून में बदलाव करेगी सरकार
इसके लिए कानून मंत्रालय चुनाव आयोग को कानूनी अधिकार देगा। बताया जा रहा है कि चुनाव सुधार से संबंधित मसले पर चुनाव आयोग के वरिष्ठ अधिकारियों की कानून मंत्रालय के सचिव जी नारायण राजू के साथ बैठक में वोटर आईडी को आधार कार्ड से जोड़ने के मुद्दे पर चर्चा की। चुनाव आयोग की दलील है कि एक ही वोटर के एक से अधिक वोटर आईडी कार्ड बनवाने की समस्या के समाधान के लिए इसे आधार से जोड़ना ही विकल्प है। आयोग ने मंत्रालय को जनप्रतिनिधित्व एक्ट में संशोधन का प्रस्ताव दिया था। इसके तहत आईडी कार्ड बनवाने और वोटर लिस्ट में पहले से शामिल लोगों के आधार की जानकारी मांगने का प्रावधान है।
आयोग ने रखे हैं कई प्रस्ताव
आयोग के प्रस्ताव पर सहमति जताते हुए कानून मंत्रालय ने आधार डेटा को विभिन्न स्तर पर संरक्षित करने की अनिवार्यता का पालन सुनिश्चित करने को कहा है। आयोग ने डेटा लीक रोकने के लिए उठाए जाने वाले कदम की लिस्ट बनाई है। आयोग ने नए वोटरों को मल्टीपल रजिस्ट्रेशन विकल्प देने की भी मांग की है। आयोग ने उम्र संबंधी क्वालिफिकेशन के लिए एक जनवरी के अलावा साल में एक से अधिक तारीखें तय करने का सुझाव दिया है। आयोग कई विकल्प की मांग कर रहा है कि ताकि 18 साल की उम्र पूरा होने के बाद कभी भी वोटर आईडी बनवा सकें।
हलफनामे में गलत जानकारी को अपराध बनाने का प्रस्ताव भी शामिल
मिली जानकारी के मुताबिक, पेड न्यूज और चुनावी हलफनामे में गलत जानकारी देने को अपराध बनाने का प्रस्ताव भी आयोग ने रखा है। मौजूदा व्यवस्था में हलफनामे में गलत जानकारी देने के मामले में दोषी पाए जाने पर आपराधिक कानून के तहत धोखाधड़ी का मामला दर्ज होता है। चुनाव आयोग ने गलत हलफनामा देकर चुनाव जीतने वाले उम्मीदवार की सदस्यता समाप्त करने का प्रस्ताव दिया है।
पहले भी आयोग ने सरकार के सामने रखा था प्रस्ताव
इसके पहले भी आधार कार्ड को वोटर आईडी से जोड़ने के मामले में चुनाव आयोग ने कानून मंत्रालय को पत्र लिखा था। चुनाव आयोग ने इसके जरिए जनप्रतिनिधित्व कानून और आधार से जुड़े कानून में संशोधन की मांग भी की थी। लेकिन तब मामला सुप्रीम कोर्ट में लंबित था, इस कारण सरकार ने चुनाव आयोग के इस प्रस्ताव को टाल दिया था।
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