'Vote for Corona':केरल में 'कोरोना' के नाम पर वोट क्यों मांग रही है BJP की महिला उम्मीदवार
नई दिल्ली- केरल में अगले महीने स्थानीय निकाय के चुनाव हो रहे हैं। लेकिन, यहां कोल्लम में एक सीट पर भारतीय जनता पार्टी की उम्मीदवार 'कोरोना' के नाम पर वोट मांग रही है। दुनिया में आज इस शब्द से जहां लोग दहशत में आ जाते हैं। लेकिन, भाजपा प्रत्याशी को लोगों का भरपूर प्यार और सम्मान मिल रहा है। दक्षिण केरल के कोल्लम निगम के लिए माथिलइल वार्ड की भाजपा की यह युवा महिला प्रत्याशी हाथ जोड़े जहां भी पहुंचती है, उनको लेकर लोगों में एक विशेष उत्साह दिखता है। वह लोगों को अपना नाम 'कोरोना' बताती हैं और 'कोरोना' को ही वोट देने की अपील करती हैं। (तस्वीर- कोरल थॉमस के एफबी पोस्ट से)
दरअसल, कोल्लम में माथिलइल वार्ड से बीजेपी ने जिस 24 साल की महिला को उम्मीदवार बनाया है उनका नाम कोरोना थॉमस है। अगले महीने होने वाले चुनाव के लिए वह चुनाव प्रचार में जहां भी पहुंचती हैं, उनके चेहरे पर मास्क, हाथ में ग्लोव्स होता है। वह चुनावी सभाओं में लोगों को सैनिटाइजर भी देते हैं और उनका समर्थन मांगती हैं। वह इस बात का भरपूर ख्याल रखती हैं कि चुनाव मुहिम में सोशल डिस्टिंसिंग का पूरी तरह पालन हो और चुनाव के लिए सारे कोविड गाइडलाइंस पूरी की जाएं। उनका कहना है कि जब कोविड-19 का संक्रमण शुरू हुआ था तो उन्हें अपने नाम की वजह से काफी शर्मिंदगी झेलनी पड़ी थी और काफी दुख होता था। लेकिन, चुनाव अभियान में यही नाम उनके लिए आशीर्वाद बन गया है।
कोरोना थॉमस ने पीटीआई को बताया है कि 'मेरे नाम की वजह से प्रचार के दौरान सभी लोग मुझे पहचान जाते हैं और मुझे याद रखते हैं। मैं जहां भी जाती हूं, लोग मेरा नाम उत्साह से लेते हैं। मुझे उम्मीद है कि यह नाम चुनाव वाले दिन वोटरों को मेरा नाम याद दिलाने में मदद करेगा और मेरे लिए वोट करने को कहेगा।' उन्होंने अपना नाम कोरोना होने के बारे में बताया कि उनके कलाकार पिता थॉमस फ्रांसिस ने उनका और उनके दोनों जुड़वा भाइयों का दुर्लभ नाम चुना था। उन्होंने शायद कभी सोचा भी नहीं होगा कि एक दिन यह संक्रामक महामारी बनकर पूरी दुनिया को रोक देगा और उथल-पुथल मचा देगा।
फ्रांसिस ने बेटी का नाम कोरोना यह सोचकर रखा कि इसका मतलब होता है 'प्रभामंडल' (halo), जबकि अपने बेटे का नाम कोरल रखा, जो फेसबुक पर अपनी बहन के लिए प्रचार कर रहे हैं। कोरोना थॉमस कहती हैं कि स्कूल के दिनों में भी उनके नाम की वजह से उनके साथी उन्हें चिढ़ाते थे, और पूछते थे कि तुम्हाना नाम ऐसा क्यों है, जिसे किसी ने नहीं सुना। उन्होंने कहा कि 'स्कूल के दिनों में मुझे कई उपनाम भी दिए गए। लेकिन, मामला तब गंभीर हो गया जब वायरस पूरी दुनिया में फैल गया। शुरू में 'गो कोरोना' और 'किल कोरोना' जैसे नारों ने सच में मुझे बहुत परेशान किया था।'
बीजेपी की इस युवा महिला उम्मीदवार को लेकर कोरोना से जुड़ी एक और बहुत ही दिलचस्प और सकारात्मक जानकारी है। पिछले दिनों जब वह गर्भवती थीं और उनकी तारीख नजदीक आ रही थी तो वह कोरोना पॉजिटिव हो गईं। लेकिन, खुशी की बात ये है कि उन्होंने और उनके बच्चे दोनों ने वायरस को मात दिया। हालांकि, वह अभी भी पोस्ट-कोविड परेशानियों को झेल रही हैं और कई बार उनकी छाती में भारीपन महसूस होता है और सांस लेने में तकलीफ होने लगती है। लेकिन, उनके पति जीनू भी भाजपा के सक्रिय सदस्य हैं और वह कोरोना को चुनाव का काम पूरा करवाने में पूरी मदद कर रहे हैं।
हालांकि, जीनू का कहना है कि अपने नाम की वजह से वह इतनी लोकप्रिय हो गई हैं कि उनका ज्यादातर समय पत्रकारों से बात करने में चला जाता है, जिससे प्रचार के लिए समय कम बच जाता है। आपको ताज्जुब होगा कि सिर्फ कोरोना थॉमस ही नहीं, केरल में एक दुकान का नाम भी सात साल पहले कोरोना पड़ा था, जो अब सुर्खियों में है। 'कोरोना' नाम की इंटेरियर डिजाइनर की शॉप केरल के कोट्टयम जिले में जॉर्ज नाम के शख्स चलाते हैं। उनका भी कहना है कि कोविड-19 की वजह से उनकी दुकान देखने के लिए लोग आते हैं और उनका बिजनेस चल पड़ा है। केरल के ही एर्नाकुलम जिले के मुवाट्टुपुझा में एक कपड़े की दुकान का भी नाम 'कोरोना' है। दिलचस्प बात ये है कि पिछले कई वर्षों से इस दुकाने के मालिक 'कोरोना परीद' के नाम से मशहूर हैं।
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