Covishield वैक्सीन से गंभीर साइड-इफेक्ट का दावा, वॉलेंटियर ने सीरम इंस्टीट्यूट से मांगा 5 करोड़ का हर्जाना
नई दिल्ली। कोरोना वायरस संकट में दुनियाभर के लोगों को बेसब्री से कोविड-19 वैक्सीन का इंतजार है। इस बीच भारत में कोरोना वायरस वैक्सीन के उत्पादन और ट्रायल का जायजा लेने के लिए खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को देश के तीन बड़े रिसर्च सेंटरों का दौरा किया। पीएम मोदी के दौरे के अलगे दिन ही पुणे स्थित सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया में चल रही वैक्सीन के ट्रायल को लेकर बड़ी खबर सामने आ रही है। सीरम इंस्टीट्यूट में चेन्नई के एक वॉलेंटियर ने मांग की है कि Covishield (कोविशील्ड) वैक्सीन के ट्रायल को जल्द रोका जाए। वॉलेंटियर ने 5 करोड़ रुपए मुआवजे की भी मांग की है।
कोविशील्ड वैक्सीन को लेकर वॉलेंटियर का बड़ा दावा
गौरतलब है कि सीरम इंस्टीट्यूट में पहले से ही ट्रायल के तीसरे चरण में पहुंच चुकी वैश्विक फार्मा दिग्गज AstraZeneca और ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी की वैक्सीन कोवीशील्ड का ट्रायल किया जा रहा है। खुद पीएम मोदी और सरकार को भी इस वैक्सीन के भारत में सबसे पहले आने की उम्मीद है। पीएम मोदी ने शनिवार को सीरम इंस्टीट्यूट पहुंचकर कोवीशील्ड के ट्रायल और वैक्सीन उत्पादन संबंधी जानकारियां ली थीं। पीएम मोदी के दौरे के एक दिन बाद यानी रविवार को वैक्सीन के ट्रायल में हिस्सा ले रहे वॉलेंटियर ने बड़ा दावा किया है।
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'कोविडशील्ड' के गंभीर साइड-इफेक्ट का दावा
40 वर्षीय बिजनेस कंसल्टेंट वॉलेंटियर ने दावा किया है कि कोविद-19 वैक्सीन कोवीशील्ड की डोज लेने के बाद उसे गंभीर स्वास्थ्य संबंधी गंभीर समस्याएं विकसित होने का दावा किया है। शख्स ने तुरंत वैक्सीन के ट्रायल और उसके उत्पादन पर रोक लगाए जाने की मांग की है। इसना ही नहीं वॉलेंटियर न्यूरोलाजिकल समस्याएं होने का हवाला देते हुए सीरम इंस्टीट्यूट से पांच करोड़ रुपए का हर्जाना भी मांगा है। वॉलेंटियर के मुताबिक उसे 1 अक्टूबर को चेन्नई के श्री रामचंद्र इंस्टीट्यूट ऑफ हायर एजुकेशन एंड रिसर्च (SRIHER) में कोविशिल्ड का एक डोज दिया गया था।
वॉलेंटियर ने इन्हें भेजा कानूनी नोटिस
वॉलेंटियर के वकील एनजीआर प्रसाद ने बताया कि कोविशिल्ड का डोज देने के बाद उनके क्लाइंट को न्यूरोलाजिकल स्वास्थ्य संबंधी गंभीर समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने SRIHER, सीरम इंस्टीट्यूट, इंडियन काउंसिल आफ मेडिकल रिसर्च, ब्रिटेन की एस्ट्राजेनेका, ड्रग्स कंट्रोलर जनरल आफ इंडिया, आक्सफोर्ड वैक्सीन ट्रायल के चीफ इंवेस्टीगेटर एंड्रू पोलार्ड और यूनिवर्सिटी आफ आक्सफोर्ड के द जेनर इंस्टीट्यूट आफ लेबोरेटरीज को कानूनी नोटिस भी भेजा है। एनजीआर प्रसाद के मुताबिक 21 नवंबर, 2020 को नोटिस जारी किया गया था लेकिन अभी तक किसी का भी जवाब नहीं आया है।
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