विजाग गैस लीक: एनजीटी के एलजी पॉलिमर को 50 करोड़ जमा करने के निर्देश पर रोक से सुप्रीम कोर्ट का इनकार
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के उस फैसले पर तत्काल रोक लगाने से इंकार कर दिया है, जिसमें उसने जिसमें एलजी पॉलिमर को विशाखापत्तनम में गैस रिसाव से हुए नुकसान के लिए 50 करोड़ रुपये जमा करने का निर्देश दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को मामले की सुनवाई करते हुए एलजी पॉलिमर को कोई तत्कालिक राहत नहीं दते हुए मामले में हस्तक्षेप से इनकार कर दिया।
नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने विशाखापत्तनम केमिकल फैक्ट्री गैस रिसाव की घटना में 11 लोगों की मौत हो गई थी और गैस के संपर्क में आने से एक हजार से ज्यादा लोग बीमार पड़ गए थे। घटना से आसपास के इलाकों में अफरातफरी फैल गई थी और लोगों को काफी नुकसान उठाना पड़ा था। इसको लेकर 8 मई को केंद्र, एलजी पॉलिमर इंडिया प्राइवेट, सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड और अन्य को नोटिस जारी किए थे। एनजीटी ने लीकेज की घटना से हुए नुकसान को देखते हुए एलजी पॉलिमर को 50 करोड़ रुपये की आरंभिक राशि जमा करने का निर्देश दिया है।
मामले पर एनजीटी ने कहा था, जीवन, सार्वजनिक स्वास्थ्य और पर्यावरण को नुकसान की सीमा के बारे में प्रथम दृष्टया तथ्यों को देखते हुए हम एलजी पॉलिमर इंडिया प्राइवेट लिमिटेड को जिलाधिकारी, विशाखापत्तनम के समक्ष 50 करोड़ की प्रारंभिक राशि जमा करने का निर्देश देते हैं, जो आगे इस ट्रिब्यूनल के आदेश का पालन करेगा । यह राशि कंपनी के वित्तीय मूल्य और इससे हुई क्षति की सीमा के मद्देनर तय की जा रही है।
राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने विशाखापत्तनम गैस रिसाव घटना पर स्वत: संज्ञान लिया था। एनजीटी अध्यक्ष न्यायमूर्ति आदर्श कुमार गोयल की अध्यक्षता वाली एक पीठ ने इस घटना की जांच करने और इस एक रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए न्यायमूर्ति बी शेषासन रेड्डी की एक पांच सदस्यीय समिति का गठन भी किया है।
विशाखापट्टनम गैस लीक: पर्यावरण मंत्रालय की मंजूरी के बिना एलजी पॉलिमर में हो रहा था काम