विवेक तिवारी हत्याकांड: चश्मदीद सना ने आरोपी पुलिसवाले की पत्नी को लेकर किया बड़ा खुलासा
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लखनऊ। उत्तर प्रदेश के हाईप्रोफाइल विवेक तिवारी मर्डर केस में जैसे-जैसे जांच आगे बढ़ रही है लगातार नए खुलासे सामने आ रहे हैं। खास तौर से पूरे घटनाक्रम की इकलौती चश्मदीद सना ने वारदात के बाद जो कुछ हुआ उसको लेकर चौंकाने वाले खुलासे किए हैं। सना ने आरोप लगाया कि पुलिस कॉन्स्टेबल प्रशांत चौधरी की चलाई गई गोली से विवेक तिवारी की हत्या के बाद पुलिस ने उस पर मानसिक दबाव बनाने की कोशिश की। उनका इरादा पूरे मामले को रफा-दफा करने का था। इतना ही नहीं सना ने आरोपी कॉन्स्टेबल की पत्नी को लेकर भी बड़ा खुलासा किया है।
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सना को शक, आरोपी प्रशांत चौधरी की पत्नी ने बोलकर लिखाई तहरीर
चश्मदीद सना ने आरोप लगाया कि वारदात के बाद पुलिसकर्मियों ने उससे सादे कागज पर हस्ताक्षर कराया। इतना ही नहीं बाद में उसी सादे कागज पर बोल-बोलकर तहरीर लिखाई गई। जिस समय तहरीर लिखी जा रही थी उस समय उससे कई तरह के सवाल किए गए और उसकी बातों को नकारने की कोशिश की गई। सना ने आशंका जताई है कि ये तहरीर किसी और ने नहीं बल्कि आरोपी सिपाही प्रशांत चौधरी की पत्नी ने ही लिखवाई। सना ने ये आशंका आरोपी कॉन्स्टेबल की पत्नी की तस्वीरें मीडिया में आने के बाद जताई है।
सना ने पुलिस टीम पर लगाए गंभीर आरोप
सना ने आरोप लगाया कि घटना के वक्त वो बेहद घबराई हुई थी जिसकी वजह से उस पर दबाव बनाने की कोशिश की गई। वारदात के बाद जब पुलिस टीम मौके पर पहुंची तो उन्होंने विवेक तिवारी को अस्पताल भेज दिया, लेकिन उसे एक गाड़ी में करीब दो घंटे तक इधर-उधर घुमाते रहे। सना ने आरोप लगाया कि जिस समय पुलिस टीम उसे गाड़ी में ले जा रही थी उस समय जब उसने अपने परिजनों से बात करने के लिए फोन मांगा तो पुलिस टीम ने उसे फोन नहीं दिया।
विवेक तिवारी हत्याकांड में इकलौती चश्मदीद है सना
विवेक तिवारी मर्डर केस की इकलौती चश्मदीद सना ने पुलिस पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि जिस समय घटना हुई उसके पुलिस ने उस पर शांत रहने का दबाव बनाया। इस दौरान उसे जिस गाड़ी में रखा गया उसमें कोई महिला कॉन्स्टेबल नहीं थी। गोमतीनगर से कैसरबाग ले जाया गया जहां एक महिला पुलिसकर्मी को साथ लिया गया। इसके बाद फिर से गोमती नगर थाने लाया गया जहां उसकी तहरीर लिखी गई।
'दूसरे अस्पताल ले जाते तो बच सकती थी विवेक की जान'
सना ने एक और सनसनीखेज खुलासा करते हुए कहा कि वारदात के बाद अगर पुलिस समय रहते विवेक तिवारी को किसी दूसरे अस्पताल ले गई होती तो उनकी जान बच सकती थी। सना ने बताया कि जब विवेक तिवारी को पुलिस लोहिया अस्पताल लेकर गई तो डॉक्टरों ने कहा था कि हालत गंभीर है और उन्हें दूसरे अस्पताल लेकर जाइए। सना ने आरोप लगाया कि पुलिस ने इसको लेकर कोई प्रयास नहीं किया, अगर तुरंत कदम उठाया जाता विवेक की जान बच सकती थी।
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