विश्व भारती विश्वविद्यालय में वीसी की नियुक्ति: HRD मंत्रालय ने राष्ट्रपति भवन से किया अनुरोध, वापस लें अपना फैसला
नई दिल्ली। मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद से अनुरोध किया है। यह अनुरोध उनकी ओर से किए गए एक महत्वपूर्ण नियुक्ति पर पुनर्विचार करने के संबंध में है। बीते साल राष्ट्रपति भवन को मंत्रालय की ओर से तीन नामों की एक सूची मिली थी जिसके जरिए शांतिनिकेतन स्थित विश्व भारती विश्वविद्यालय के कुलपति की नियुक्ती की जानी थी। राष्ट्रपति इस विश्वविद्यालय के विजिटर हैं और खुद प्रधानमंत्री इसक पदेन चांसलर होते हैं। पैनल की ओर से जो तीन नाम राष्ट्रपति भवन को सुझाए गए थे उनमें स्वप्न कुमार दत्ता, विश्वविद्यालय के कार्यवाहक कुलपति और कृषि वैज्ञानिक पीएन मिश्रा और आईआईटी खड़गपुर में जियोफिजिक्स के शिक्षक शंकर कुमार नाथ का नाम शामिल है।
जनवरी में विश्वविद्यालय के सूत्रों ने कहा कि प्रधानमंत्री ने दत्ता को वीसी बनाने की सहमति दे दी है। हालांकि आधिकारिक आदेश जारी नहीं हुआ था। दत्ता, जिन्होंने करीब 2 साल तक कार्यवाहक वीसी का कार्यङभार संभाला वो बीते महीने सेवानिवृत्त हो गए। अब राष्ट्रपति भवन को मंत्रालय की ओर से एक नए नाम भेजे गए। कहा गया है कि पुराने पैनल को रद्द कर नया पैनल बनाया गया है। अंग्रेजी अखबार इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार प्रकाश जावड़ेकर ने इस पूरे मामले पर कोई टिप्पणी नहीं की। हालांकि पैनल को रद्द करना असाधारण नहीं है, फिर भी राष्ट्रपति कार्यालय के पास पहली बार ऐसा कोई प्रस्ताव आया है जिसमें नियुक्ति कर दी गई है।
दत्ता को फरवरी 2016 में विश्वभारती के प्रमुख के रूप में कार्य करने की जिम्मेदारी दी गई थी। इसके बाद नियमित वी-सी सुशांत दत्तगुप्ता को एचआरडी मंत्रालय ने बर्खास्त कर दिया था। यह पहली बार हुआ था कि सरकार ने एक केंद्रीय विश्वविद्यालय के प्रमुख को निकाल दिया था। विश्व भारती एकमात्र केंद्रीय विश्वविद्यालय है जिसका कुलपति पदेन प्रधानमंत्री होता है।। संस्थान की स्थापना नोबेल पुरस्कार विजेता रबींद्रनाथ टैगोर द्वारा की गई थी और इसकी पूर्व छात्रों की सूची में फिल्म निर्माता सत्यजीत रे और अर्थशास्त्री अमर्त्य सेन शामिल हैं।