Google Doodle: वर्जिनिया वुल्फ- ऐसी लेखिका जिसने महिलाओं को जीना सिखाया
नई दिल्ली।'गूगल' ने आज अपना 'डूडल' इंग्लिश की महान लेखिका वर्जिनिया वुल्फ को समर्पित किया है। आज वर्जिनिया वुल्फ की 136वीं वर्षगांठ है। वर्जिनिया वुल्फ का पूरा नाम एडलीन वर्जिनिया वुल्फ था और वो 20वीं सदी की महान लेखिकाओं और निबंधकार की लिस्ट में शामिल हैं, उनकी लेखनी में महिलाओं को जीने की सीख दी गई है। एडलीन का जन्म 25 जनवरी 1882 को लंदन में हुआ था। वर्जिनिया को लेखनी का गुण अपने माता-पिता से ही मिला था। वर्जिनिया वुल्फ प्रसिद्ध लेखिका, आलोचक और पर्वतारोही पिता सर स्टीफन और मां जूलिया स्टीफन की बेटी थीं।
डूडल ने किया याद
उनकी पढ़ाई किंग्स कॉलेज लंदन में हुई, बुद्धिजीवियों की आवाजाही उनके घर में होती रहती थी, इसी वजह से बचपन से ही उनका रूझान शिक्षा की ओर था।
महत्वपूर्ण पुस्तक 'ए रूम ऑफ वन्स ओन'
वर्जिनिया की अधिकतर स्मृतियां कॉर्नवाल की हैं, जहां वह अकसर गर्मीयों की छुट्टियां बिताने जाती थीं। इन्हीं स्मृतियों की देन थी उनकी प्रमुख रचना - टु द लाइटहाउस। 30 वर्ष की आयु में उन्होंने लोयोनार्ड वुल्फ़ से विवाह किया। उन्होंने डायरी, जीवनियां, उपन्यास, आलोचना सभी लिखे। लेकिन उनकी प्रिय विषयवस्तु स्त्री विमर्श ही थी। इसी का परिणाम था, उनकी महत्वपूर्ण पुस्तक 'ए रूम ऑफ वन्स ओन'।
लेखिका ने की थी आत्महत्या
1940 में द्वितीय विश्वयुद्ध में नाज़ियों के हमले के दौरान वुल्फ दंपती बहुत परेशान रहा करते थे, क्योंकि उनके पति लियोनार्ड यहूदी थे, जिनसे नाज़ी घृणा करते थे। इसी वर्ष बमबारी में उनका प्रेस नष्ट हो गया। अवसाद की स्थिति में उन्होंने 28 मार्च 1941 में नदी में छलांग लगा दी और आत्महत्या कर अपना जीवन समाप्त कर लिया।
'ए रूम ऑफ वन्स ओन'
वुल्फ ने लेखन की शुरुआत 1900 में की थी , उनका पहला उपन्यास 'द वॉयज आउट' 1915 में प्रकाशित हुआ था। इस उपन्यास को उनके पति लियोनार्ड वुल्फ के प्रकाशन संस्थान हॉगर्थ प्रेस ने छापा था। उनके श्रेष्ठ उपन्यासों में 'मिसेज डैलोवे (1925), टू द लाइटहाउस (1927), ऑरलैंडो (1928) खास तौर से पहचाने जाते है लेकिन 'ए रूम ऑफ वन्स ओन' उनकी सबसे मशहूर रचना है।
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