विराली मोदी ने बताया अपने साथ एयरपोर्ट पर हुई बदसलूकी का पूरा सच
एयरपोर्ट पर सुरक्षा जांच के नाम पर किस तरह हुई बदसलूकी, विराली मोदी ने बताया मामले का पूरा सच
नई दिल्ली। विकलांग लोगों के अधिकारों के लिए आवाज उठाने वाली कार्यकर्ता विराली मोदी के साथ दिल्ली एयरपोर्ट पर सुरक्षा जांच के नाम पर हुए दुर्व्यवहार को लेकर सीआईएसएफ के सीनियर कमांडर ने फोन कर उनसे माफी मांगी है। आपको बता दें कि दिल्ली से मुंबई जाते समय एयरपोर्ट पर विराली मोदी के साथ एक महिला सुरक्षाकर्मी द्वारा दुर्व्यवहार किए जाने का मामला सामने आया था। दरअसल अपनी व्हीलचेयर पर जब विराली मोदी एयरपोर्ट के सुरक्षा परिसर में पहुंची तो सुरक्षाकर्मी ने पहले उनसे खड़ा होने के लिए कहा और फिर कहा कि वो विकलांग होने का ड्रामा कर रही हैं। वहीं इस मामले को लेकर अब विराली मोदी ने सीआईएसएफ से लिखित माफी की मांग करते हुए हुए पूरी घटना के बारे में बताया है।
रीढ़ की हड्डी में चोट के कारण 13 सालों से दिव्यांग हैं विराली
विराली मोदी ने मीडिया से बात करते हुए कहा, 'मैंने अपने साथ हुए दुर्व्यवहार को लेकर सीआईएसएफ मुख्यालय को ईमेल भेजा। सोमवार को मैं मुंबई की फ्लाइट पकड़ने के लिए दिल्ली एयरपोर्ट पर पहुंची। 2006 में रीढ़ की हड्डी में लगी चोट के कारण मैं पिछले तेरह सालों से दिव्यांग हूं और चल नहीं सकती। मैंने अपनी पर्सनल व्हीलचेयर को चेक इन काउंटर पर दे दिया, ताकि सामान के साथ उसे फ्लाइट में रखा जा सके। इसके बाद जब मैं पोर्टर की मदद से सुरक्षा जांच परिसर में पहुंची तो वहां मौजूद महिला सुरक्षाकर्मी ने मुझसे खड़े होने के लिए कहा।'
'ड्रामा बंद करो, खड़ा होना ही पड़ेगा'
विराली मोदी ने आगे बताया, 'मैंने उससे बताया कि मैं खड़ी नहीं हो सकती, इसके बावजूद मुझसे बार-बार खड़े होने के लिए कह रही थी। मैंने उस महिला सुरक्षाकर्मी को अपना पासपोर्ट भी दिखाया, जिसमें मेरे दिव्यांग होने के बारे में लिखा था। फिर भी उसने मेरी बात नहीं सुनी और मेरे ऊपर चिल्लाते हुए कहा कि क्या मतलब है कि खड़ी नहीं हो सकती, सुरक्षा जांच के लिए तुम्हें खड़ा होना पड़ेगा, ड्रामा करना बंद करो। इसके बाद वो अपने सीनियर अधिकारी को बुलाने चली गई। जब वहां सीनियर अधिकारी पहुंचे तो उसने उनसे कहा कि ये महिला खड़े ना होने के लिए नाटक कर रही है।
'CISF ने माफी मांगी, लेकिन ये काफी नहीं'
मामले के बारे में विराली ने बताया, 'एयरपोर्ट पर सुरक्षा जांच के नाम पर जो मेरे साथ हुआ, वो बहुत बुरा अनुभव था। इसके बाद उस अधिकारी ने मेरा पासपोर्ट देखा और मुझे फ्लाइट में जाने देने के लिए कहा। इस घटना के बाद मैंने इस पूरे मामले के बार में सीआईएसएफ मुख्यालय को ईमेल लिखा। मैंने सीआईएसएफ अधिकारियों को फोन भी किया और अपनी शिकायत दर्ज कराई। इसके बाद दिल्ली में सीआईएसएफ के सीनियर कमांडर ने मुझे फोन किया और मुझसे माफी मांगी, लेकिन यह काफी नहीं है।'
'सीआईएसएफ से लिखित माफी चाहिए'
विराली मोदी ने कहा, 'इस मामले में कुछ और किया जाना चाहिए। सुरक्षाकर्मियों को और ज्यादा ट्रेनिंग दी जानी चाहिए। उन्हें और ज्यादा धैर्यवान होने की आवश्यकता है। मुझे इस मामले में सीआईएसएफ से लिखित माफी चाहिए।' विराली मोदी ने कहा कि उस महिला सुरक्षाकर्मी ने उन्हें अपना नाम बताने से भी इंकार कर दिया। वो इस तरह से खड़ी हुई थी कि मैं उसका नाम टैग भी नहीं देख पाई। विराली ने कहा कि सीआईएसएफ क्या इसी तरीके से अपने लोगों को किसी विकलांग के साथ व्यवहार करने के लिए ट्रेनिंग देती है।
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