मृत घोषित किए जाने के आठ घंटे बाद 'स्वर्ग से लौटी' बीरो देवी के पुनर्जन्म का सच
गुरदासपुर। मधुमेह/डायबिटीज से बीरो देवी के अंतिम संस्कार की तैयारी चल रही थी। दिन था मंगलवार (25 सितंबर), परिजन विलाप कर रहे थे। पंजाब के गुरदासपुर के मोहल्ला इस्लामाबाद में मातम छाया था। परिवार के सभी लोगों को खबर हो गई थी कि बीरो देवी अब नहीं रहीं। वे एक के एक कर एकत्रित हो रहे थे। इसी दौरान एक महिला रिश्तेदार ने बीरो देवी की छाती पर हाथ रख दिया। एकदम से बीरो देवी उठकर बैठ गईं। जिन आंखों में अब तक आंसू बह रहे थे, अब वे हैरानी से भरी थीं। मौत के 8 घंटे बाद उठकर बैठीं बीरो देवी ने कहा, 'मुझे गलती से ले गए थे। दूसरे मोहल्ले की महिला को लेकर जाना था। मैं तो स्वर्ग का चक्कर लगा वापस आ गई।' इस प्रकार की घटनाएं पहले भी हो चुकी हैं, ऐसे में सवाल यह है कि क्या वाकई इस प्रकार की बातें सच होती हैं या इसके पीछे कुछ परिस्थितियां ही अहम कारण होती हैं। अब बाकी मामलों के बारे में हम कुछ नहीं कह सकते हैं, लेकिन इस गुरदासपुर के इस मामले में कुछ फैक्ट ऐसे जरूर हैं, जो कि बताते हैं कि 'महिला का स्वर्ग से लौटकर आना' पूरा सच नहीं है।
बीरो देवी को 24 सितंबर को अस्पताल लेकर गए थे परिजन
24 सितंबर, सोमवार के दिन बीरो देवी को अस्पताल ले जाया गया था। रात का समय था, पता नहीं डॉक्टर्स उस वक्त क्या सोच रहे थे, उन्होंने बीरो देवी को मृत घोषित कर दिया। बीरो देवी की बेटी बताती हैं कि डॉक्टर्स ने रात को कोई टेस्ट नहीं किया था। डॉक्टर्स ने बीरो देवी को मृत बताया और परिवारवाले उन्हें घर लेकर आ गए।
बीरो देवी के मृत शरीर में हुई हरकत या किसी ने छाती पर हाथ रखा
अगले दिन यानी 25 सितंबर मंगलवार को बीरो देवी के दाह संस्कार की तैयारी शुरू कर दी गई। अब इसके बाद दो तरह की बातें निकलकर सामने आ रही हैं। कुछ लोग कह रहे हैं कि किसी महिला रिश्तेदार का हाथ बीरो देवी की छाती पर पड़ गया था, जिसके बाद वह उठकर बैठ गईं। एक बात यह भी सामने आ रही है कि मृत घोषित किए जाने के करीब 8 घंटे बाद अपने आप ही उनके शरीर में हरकत हुई, जिसके बाद परिजनों ने कान लगाकर सुना धड़कन चल रही थी।
बीरो देवी के जिंदा होने का पूरा सच यह है
बीरो देवी कह रही हैं कि वह तो स्वर्ग का चक्कर लगाकर वापस लौट आईं। पड़ोस के मोहल्ले से किसी महिला को ले जाना था, लेकिन यमराज उन्हें ले गए। बहरहाल, बीरो देवी का सच तो वही जाने, लेकिन असल बात यह है कि डॉक्टर्स ने बिना किसी जांच के बीरो देवी को मृत घोषित कर दिया था। यह बात खुद उनकी बेटी ज्योति ने बताई। डॉक्टर्स का कहना है कि बिना ईसीजी कराए किसी को मृत घोषित करना गलत है। इसका मतलब साफ है कि डॉक्टर्स ने बीरो देवी को लापरवाही से मृत घोषित किया। सिविल अस्पताल के हार्ट स्पेशलिस्ट डॉक्टर मनजिंदर सिंह बब्बर के हवाले से कई मीडिया रिपोर्ट में सामने आया है कि ईसीजी की रिपोटर्अ जब प्लेन न आए, तब तक मृत घोषित करना गलत है। यह संभव है कि महिला का शुगर लेवल गिर गया हो और वह बेसुध हो गईं हों।
स्वर्ग का अनुभव जानने को जिज्ञासु हो रहे लोग
बहरहाल, दोबारा सांसें चलने के बाद बीरो देवी दोबारा सिविल अस्पताल ले जाया, जहां उनका उपचार किया गया। बीरो देवी के दोबारा जीवित होने की खबर अब गुरदासपुर शहर में चर्चा का विषय बन गई है। सिविल अस्पताल में बहुत से लोग उन्हें जिज्ञासावश देखने आ रहे हैं। समाज में आज भी स्वर्ग और नर्क की अवधारणा की मान्यता है, जिस वजह से लोग बीरो देवी के स्वर्ग के अनुभव को जानने में बड़ी दिलचस्पी दिखा रहे हैं।