फ्रंटलाइन वर्कर्स के खिलाफ हिंसा और दुर्व्यवहार स्वीकार्य नहीं: पीएम मोदी
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कर्नाटक के राजीव गांधी स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय के रजत जयंती समारोह का उद्घाटन किया है। इस दौरान उन्होंने कहा, मैं ये स्पष्ट रूप से कहना चाहता हूं कि फ्रंटलाइन वर्कर्स के खिलाफ हिंसा, दुर्व्यवहार और अशिष्ट व्यवहार स्वीकार्य नहीं है। पीएम ने कहा, कोविड-19 के खिलाफ भारत की इस लड़ाई के पीछे चिकित्सा समुदाय और हमारे कोरोना योद्धाओं की कड़ी मेहनत है। वास्तव में डॉक्टर और चिकित्सा कर्मचारी सैनिक ही हैं, वो भी बिना किसी सैनिक की वर्दी के।
Recommended Video
प्रधानंमत्री ने कहा कि देश ने 22 और AIIMS की स्थापना में तेजी से प्रगति देखी है। पिछले पांच वर्षों में हम MBBS में 30,000 से अधिक और स्नातकोत्तर में 15,000 सीटों को जोड़ने में सक्षम हुए हैं। उन्होंने कहा कि आयुष्मान भारत दुनिया की सबसे बड़ी हेल्थकेयर योजना है। दो साल से भी कम समय में एक करोड़ लोगों को इस योजना का लाभ मिला है। महिलाएं और गांव में रहने वाले ज्यादातर लोगों को इससे लाभ मिला है। वहीं वायरस को लेकर पीएम ने कहा, ये एक अदृष्य दुश्मन है। लेकिन योद्धा, चिकित्साकर्मी अजय हैं।
इस लड़ाई में हमारे चिकित्साकर्मी जरूर जीत हासिल करेंगे। अगर यह वैश्विक महामारी नहीं होती, तो मुझे इस दिन बेंगलुरु में आप सभी के साथ होना पसंद आता। ऐसे समय में, दुनिया आशा और कृतज्ञता के साथ हमारे डॉक्टरों, नर्सों, चिकित्सा कर्मचारियों और वैज्ञानिक समुदाय को देख रही है। दुनिया आपसी 'देखभाल' और 'इलाज' दोनों चाहती है।
बता दें देश में आज से लॉकडाउन का पांचवां चरण शुरू हो गया है। जिसमें कई प्रकार की छूट दी गई है। इस बीच कोरोना वायरस (कोविड-19) संक्रमण का खतरा तेजी से बढ़ता ही जा रहा है। स्वास्थ्य मंत्रालय के ताजा आंकड़ों के अनुसार, भारत में पिछले 24 घंटों में 8,392 नए कोरोना वायरस मामले सामने आए हैं और 230 मौतें हुई हैं। देश में अब कुल मामलों की संख्या 1,90,535 हो गई है, जिसमें 93322 सक्रिय मामले, 91819 ठीक / डिस्चार्ज / माइग्रेट और 5394 मौतें शामिल हैं।
गुजरात:
कोरोना
संदिग्ध
की
मौत
के
बाद
परिवार
ने
किया
अंतिम
संस्कार,
तभी
फोन
आया-
उनकी
हालत
ठीक
है