इंडिया-ईयू समिट में सभी मुद्दों पर बातचीत, आतंकवाद से मिलकर मुकाबले पर जोर: विदेश मंत्रालय
इंडिया-ईयू समिट में आतंकवाद से मिलकर मुकाबले पर जोर: विदेश मंत्रालय
नई दिल्ली। बुधवार को 15वें भारत-यूरोपीय संघ शिखर सम्मेलन के बाद विदेश मंत्रालय में सचिव (पश्चिम) विकास स्वरूप ने कहा है कि भारत और यूरोपीय संघ ने वैश्विक शांति और सुरक्षा के मुद्दे पर चर्चा की और आतंकवाद को मिलकर निपटने के लिए प्रतिबद्धता जताई। भारत और यूरोपीय संघ इस संबंध में आदान-प्रदान और सहयोग तेज करेंगे। उन्होंने कहा कि दोनों नेताओं ने आतंकवाद की साझा चुनौती पर विचारों के आदान-प्रदान में काफी विस्तार किया। भारत और अन्य देशों के साथ-साथ वैश्विक आतंकवाद के संदर्भ में पाकिस्तान का भी जिक्र हुआ। इसके अलावा चीन के साथ हमारे संबंधों पर बात हुई। प्रधानमंत्री ने सामान्य तौर पर भारत-चीन संबंध और सीमावर्ती क्षेत्रों की मौजूदा स्थिति पर हमारे विचार साझा किए।
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समिट के बाद विकास स्वरूप ने कहा, शिखर सम्मेलन बहुत ही सौहार्दपूर्ण वातावरण में आयोजित किया गया, जो उनके बीच पिछले संबंधों की पहचान रहा है। यूरोपीय संघ हमारा सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है, हम 100 बिलियन अमेरिकी डॉलर से अधिक का व्यापार करते हैं। यूरोपीय संघ भारत में सबसे बड़े निवेशकों में से एक है, जिसका 91 बिलियन अमेरिकी डॉलर से अधिक का निवेश है।
विदेश मंत्रालय ने कहा, इस शिखर सम्मेलन में व्यापार और निवेश समझौते के संदर्भ में व्यापार संबंधों के साथ-साथ व्यापार और निवेश समझौतों के विकास का मार्गदर्शन करने के लिए मंत्रियों के स्तर पर एक उच्च-स्तरीय संवाद स्थापित करने का निर्णय किया गया है। द्विपक्षीय व्यापार और निवेश समझौते के समापन के लिए कोई समय सीमा निर्धारित नहीं है, लेकिन दोनों पक्ष इस बात पर सहमत हुए हैं कि दोनों मंत्रियों ने चर्चाओं को आगे बढ़ाने के लिए अनिवार्य रूप से जल्द से जल्द मिलना चाहिए।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भारत-यूरोपीय संघ (ईयू) शिखर सम्मेलन में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए शामिल हुए। नरेंद्र मोदी ने सम्मेलन में कहा कि भारत और ईयू नैचरल पार्टनर हैं। हमारी पार्टनरशिप विश्व में शांति और स्थिरता के लिए भी उपयोगी है। यह वास्तविकता आज की वैश्विक स्थिति में और भी स्पष्ट हो गयी है। हम दोनों ही लोकतंत्र, बहुलतावाद, समावेशिता, अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं का सम्मान, बहुपक्षवाद, स्वतंत्रता, पारदर्शिता जैसी वैश्विक मूल्यों को साझा करते हैं। उन्होंने कहा, वर्तमान चुनौतियों के अलावा, जलवायु परिवर्तन जैसी दीर्घकालिक चुनौतियां भी भारत और यूरोपीय संघ के लिए प्राथमिकता हैं। भारत में नवीकरणीय ऊर्जा (रिन्यूबल एनर्जी) के उपयोग को बढ़ाने की हमारी कोशिशों में हम यूरोप से निवेश और प्रौद्योगिकी को आमंत्रित करते हैं.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि हमें कोविड-19 के कारण मार्च में भारत-यूरोपीय संघ शिखर सम्मेलन को रद्द करना पड़ा था लेकिन यह अच्छा है कि हम वर्चुअल माध्यम से एक साथ आने में सक्षम हैं और आज ये सम्मेलन हो सका। दरअसल, इस साल मार्च में ब्रसेल्स में यूरोपियन यूनियन का सम्मेलन आयोजित होना था लेकिन कोरोना वायरस के चलते तब इसे रद्द कर दिया गया था।