UNHRC में भारत की दो टूक- कश्मीर हमारा अभिन्न अंग था, है और हमेशा रहेगा
नई दिल्ली। संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद (यूएनएचआरसी) में बुधवार को भारत की ओर से स्पष्ट कहा गया कि जम्मू कश्मीर हमारा अभिन्न हिस्सा था, है और हमेशा-हमेशा रहेगा। इस मामले पर किसी तरह की कोई गुंजाइश नहीं है। एक दिन पहले पाकिस्तान ने कश्मीर मुद्दे पर अंतरराष्ट्रीय समुदाय से हस्तक्षेप करने की मांग की थी। इसी का जवाब देते हुए विदेश मंत्रालय में सचिव (पश्चिम) विकास स्वरूप ने ये बात कही है।
स्विट्जरलैंड के जिनेवा में चल रही संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार काउंसिल की बैठक के 43वें सत्र में बोलते हुए वरिष्ठ भारतीय राजनयिक विकास स्वरूप ने कहा कि इस हिस्सों को भारत से अलग देखा ही नहीं जा सकता है। जम्मू कश्मीर हमेशा से भारत का अभिन्न अंग रहा है और रहेगा। हमारी संसद की ओर से पिछले साल अगस्त में राज्य को दो हिस्सों में बांटने का फैसला राज्य के हित में है। मंगलवार को पाकिस्तान की मानवाधिकार मंत्री शिरीन मजारी ने कहा था कि भारत कश्मीरी लोगों के मानवाधिकारों का उल्लंघन कर रहा है। बारत सरकार को बीते साल पांच अगस्त को किए फैसले को वापस लेना चाहिए।
विकास स्वरूप ने आगे कहा कि पाकिस्तान ने जम्मू कश्मीर को अशांत और अस्थितर करने के लिए हर संभव कोशिश की, लेकिन वे अपनी मंशा को पूरी नहीं कर पाए। जमीन पर स्थिति बिल्कुल सामान्य है। स्वरूप ने पाकिस्तान को वैश्विक आतंकवाद का केंद्र बताते हुए कहा उन देशों के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई होनी चाहिए जो आतंकवादियों को पनाह देते हैं। संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार काउंसिल का ये सत्र 24 फरवरी से शुरू हुआ और 20 मार्च तक चलेगा।
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