विकास दुबे एनकाउंटर: यूपी STF ने दी घटना की पूरी जानकारी, बताया कैसे हुआ हादसा
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मोस्ट वॉन्टेड गैंगस्टर विकास दुबे शुक्रवार सुबह एक एनकाउंटर में मारा गया। कानपुर शूटआउट का मुख्य आरोपी विकास दुबे के एनकाउंटर को लेकर खड़े हो रहे सवालों के बीच यूपी पुलिस एसटीएफ ने एक प्रेस नोट जारी कर घटना के बारे में विस्तार से बताया है। एसटीएफ की तरफ से जारी पत्र में कहा गया कि जिस दौरान अभियुक्त विकास दुबे को उज्जैन से लाया जा रहा था उसी बीच रास्ते में मवेशियों का एक झुंड आने से वाहन के ड्राइवर ने अपना नियंत्रण खो दिया। एसटीएफ की टीम दुबे को जिंदा पकड़ने के लिए उसके करीब जाने की कोशिश की, लेकिन वह गोलियां चलाता रहा। पुलिस ने आत्मरक्षा में पलटवार किया जिसमें वह मारा गया।
गाय-भैंसों का एक झुण्ड आने से हुआ हादसा
प्रेस नोट में एसटीएफ की तरफ से कहा गया कि कुख्यात अपराधी विकास दुबे को तेजबहादुर सिंह एसटीएफ के नेतृत्व में सरकारी वाहन से लाया जा रहा था। यात्रा के दौरान जनपद कानपुर नगर के सचेणडी थाना क्षेत्रा में आने वाले कन्हैया लाल अस्पताल के सामने पहुंचे थे तभी अचानक राष्ट्रीय राजमार्ग पर गाय-भैंसों का एक झुण्ड भागता हुआ आ गया। लंबी यात्रा से थके हुए चालक ने इस मवेशियों को दुर्घटना से बचाने के लिए अपनी गाड़ी के अचानक से मोड़ा जिससे वाहन अनियंत्रित होकर पलट गया। अचानक हुई इस दुर्घटना से वाहन में बैठे पुलिसकर्मी गंभीर रूप से घायल हो गए।
STF issues press note in #VikasDubey encounter matter. "A herd of cattle had come in front of the vehicle due to which driver took sudden turn leading to accident...Police tried to go close to him to nab him alive but he continued to fire. Police retalitaed in self-defence..." pic.twitter.com/iOXaXv8vno
— ANI UP (@ANINewsUP) July 10, 2020
घायल पुलिसकर्मी की पिस्टल लेकर भागा था विकास
चोट के कराण पुलिसकर्मियों के अर्धचेतनावस्था में चले जाने का फायदा उठाते हुए अपराधी विकास दुबे घायल निरीक्षक रमाकान्त पचौरीकी सरकारी पिस्टल के झटके से खींच लिया। इसके बाद वह दुर्घटनाग्रस्त वाहन से निकलकर कच्ची सड़क की तरफ फरार हो गया। इसके बाद मौके पर मौजूद एसटीएफ तेजबहादुर सिंह ने अपने अन्य साथियों के साथ फरार विकास दुबे का पीछा किया। खुद का पीछा होते देख विकास दुबे ने सरकार पिस्टल से एसटीएफ पर फायर करने लगा। विकास को जिन्दा पकड़ने के इरादे से टीम ने उसके नजदीक जाने की कोशिश की लेकिन अपराधी अंतिम समय तक पुलिस पर ताबड़तोड़ फायरिंग करता रहा।
आत्मरक्षा में की गई फायरिंग में ढेर हुआ अपराधी
प्रेस नोट में आगे बताया गया कि एसटीएफ तेजबहादुर और उनकी टीम के पास अंत में कोई विकल्प न होने कि दिशा में आत्मरक्षा के लिए नियंत्रित फायरिंग की। इस गोलीबारी में विकास दुबे घायल होकर गिर पड़ा, इसके बाद उसे तत्काल उपचार के लिए सरकारी अस्पताल ले जाया गया जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। विकास दुबे द्वारा की गई फायरिंग में एसटीएफ यूपी के मुख्य आरक्षी शिवेन्द्र सिंह सेंगर और आरक्षी विमल यादव घायल हो गए, उनका उपचार चल रहा है।
विकास दुबे का बिकरू गांव मना रहा जश्न
बता दें कि विकास दुबे की मौत की खबर जैसे ही न्यूज चैनलों में आई वैसे ही बिकरू गांव के निवासियों और उसके आस-पास के इलाकों में लोग जश्न मनाने लगे। लोगों ने आतंक के एक युक के अंत पर अपनी खुशी जाहिर की है। विकास के पड़ोसी ने बताया, पूरा गांव दुबे के आंतक का शिकार था हमने पहले भी कई बार पुलिस से शिकायत की थी और 2013 में तत्कालीन मुख्यमंत्री को भी लिखा था लेकिन कुछ नहीं किया गया। पड़ोसी ने बताया, हमारी शिकायत के बावजूद हमने कभी नहीं देखा कि विकास दुबे का दबदबा कम हुआ हो। सभी राजनेताओं ने उसका समर्थन किया और एक पूर्व महिला विधायक ने दुबे को राखी बांधी और दावा किया कि वह उनके भाई थे।
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